नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि चीनी सैनिक डोकलाम सीमा पर मौजूद हैं, लेकिन इनकी संख्या में कमी आई है। सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले मीडिया से बातचीत में सेना प्रमुख ने कहा कि डोकलाम में साल 2000 से सड़क निर्माण जारी है, लेकिन चीनी जवान बीते साल जून में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध शुरू होने से पहले टोसा बाला के नजदीक आ गए। टोसा बाला उत्तर व दक्षिण डोकलाम को बांटता है। उन्होंने कहा कि चीनी बड़ी संख्या में मजदूरों व उपकरणों के साथ आए थे।
उन्होंने कहा, "हमने महसूस किया कि वे पूरे डोकलाम पर दावा करने की कोशिश करेंगे..इससे हमारे सामने खतरा पैदा कर रहा था और यह यथास्थिति को बदल रहा था।" जनरल रावत ने कहा कि डोकलाम के उत्तरी हिस्से में चीनी सैनिकों की मौजूदगी जारी है, लेकिन इसमें कमी आई है और सक्रियता के स्तर में भी कमी आई है। सेना प्रमुख ने उत्तर में चीन के साथ देश की सीमा पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया।
सेना प्रमुख ने कहा, "हमें अब उत्तरी सीमा पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमारा फोकस काफी लंबे समय से पश्चिमी सीमा पर ही रहा है।" सीमा उल्लंघन व भारत तथा चीन के जवानों के आमने-सामने आने की घटनाओं के बढ़ने पर उन्होंने कहा कि इसकी संख्या में इसलिए बढ़ोतरी हुई है क्योंकि भारत ने सीमा से लगी अग्रिम चौकियों पर ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं।
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