चार राज्यों में बाढ़ से 192 लोगों की मौत, उत्तराखंड और कश्मीर में भूस्खलन से 9 लोग मारे गए
उत्तराखंड और जम्मू में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गयी जबकि बाढ़ से पीड़ित केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में सोमवार को भी राहत और बचाव अभियान जारी रहा। बाढ़ प्रभावित इन राज्यों में मृतक संख्या बढ़कर 192 हो गयी है।
तिरुवनंतपुरम/देहरादून। उत्तराखंड और जम्मू में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गयी जबकि बाढ़ से पीड़ित केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में सोमवार को भी राहत और बचाव अभियान जारी रहा। बाढ़ प्रभावित इन राज्यों में मृतक संख्या बढ़कर 192 हो गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों के कई इलाकों में बारिश थम गयी है, जहां 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और जलमग्न इलाकों से जलस्तर घटना शुरू हो गया है। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार मानसूनी बारिश के प्रकोप के चलते केरल में सोमवार को मृतक संख्या बढ़कर 76 हो गयी जबकि कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में अब तक 116 लोगों की मौत हुई है।
गुजरात के कच्छ जिले में बाढ़ में सड़क बह जाने के कारण वहां फंसे करीब 125 लोगों को वायुसेना ने निकाला जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र में भारी बारिश एवं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। भारी बारिश और भूस्खलन से जूझ रहे पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में तीन अलग-अलग गांवों में एक महिला और नौ महीने की उसकी बेटी समेत छह लोग भूस्खलन की चपेट में आकर जिंदा दफन हो गये। चुफलागड नदी में आयी बाढ़ के तेज बहाव में इसके तट पर बनी दो इमारतें बह गयीं।
देहरादून में राज्य आपदा अभियान केंद्र ने बताया कि जिले के घाट इलाके में बंजबगड, अलीगांव और लांखी गांव में तीन घरों पर भूस्खलन का मलबा गिर जाने से वहां रहने वाले लोग फंस गये। केंद्र ने बताया कि छह लोगों की दम घुटने से मौत हो गयी। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भूस्खलन के दौरान एक बड़े पत्थर के नीचे गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी। घटना जिले के महोर क्षेत्र के लार गांव में रविवार शाम को घटी, जिसमें दो लोग घायल हुए हैं। इस बीच बाढ़ प्रभावित कई राज्यों में सोमवार को कई सड़कें यातायात की आंशिक आवाजाही के लिये खोल दी गयीं, जिसमें सिर्फ जरूरी सामान से लदे ट्रकों को पहले आवागमन की मंजूरी दी गयी।
बाढ़ का पानी घटने के बाद महाराष्ट्र में कोल्हापुर के पास पिछले छह दिन से बंद मुंबई-बेंगलुरू राष्ट्रीय राजमार्ग-4 को सोमवार को यातायात के लिये आंशिक रूप से खोल दिया गया और जरूरी सामान से लदे वहां फंसे हजारों ट्रकों को आगे जाने की इजाजत दी गयी। कोल्हापुर और कर्नाटक के बेलगाम के बीच भी यातायात की मंजूरी दी गयी। बाढ़ प्रभावित राज्यों में एहतियात बरती जा रही है क्योंकि अधिकतर नदियां उफान पर हैं और जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केरल में अपने वायनाड संसदीय क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित पुथुमाला समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। कर्नाटक में 17 जिलों के 80 तालुके बाढ़ और बारिश से प्रभावित हुए हैं और राज्य सरकार ने मृतक संख्या 42 बताई है। 12 लोग लापता हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने राज्य में आयी बाढ़ और भूस्खलन में अपना घर गंवाने वाले लोगों को पुनर्निर्माण कार्य के लिये सोमवार को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त हुए घरों की मरम्मत के लिये एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने और घर तैयार होने तक लोगों को किराये के मकान में रहने के लिये 5,000 रुपये प्रति महीने की सहायता राशि देने की घोषणा की। महाराष्ट्र में सोमवार को मृतक संख्या बढ़कर 43 पहुंच गयी।
रविवार को करीब 4.48 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचाया गया था। इन्हें 372 अस्थाई शिविरों में भेजा गया। गुजरात में मछली पकड़ने वाली दो नौकाओं पर सवार मछुआरों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। राज्य में पिछले पांच दिन में बारिश की घटनाओं में करीब 31 लोग मारे गये। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), वायुसेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार का दिन उमस भरा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस बना रहा। सुबह साढ़े आठ बजे तक हवा में नमी का स्तर 84 प्रतिशत दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे तक सफदरजंग वेधशाला ने 0.2 मिमी बारिश जबकि लोधी रोड में यह 0.8 मिमी दर्ज की गयी।