नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। जिसमें केवल दिलशाद गार्डन स्थित जीटीबी अस्पताल में 34 लोगों की मौत हुई है। अन्य मौतें एलएनजेपी अस्पताल में हुई है। उत्तर पूर्व दिल्ली में हुई इस हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं लेकिन दंगा प्रभावित इलाकों में पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली में हालात खराब है। लोग सड़कों को रोककर बैठे हुए हैं। जब जाफराबाद रोड को ब्लॉक कर यमुना पार के 35 लाख लोगों का रास्ता रोका गया तब मैंने रास्ता खोलने की बात की तो मुझे ही आतंकवादी कहा जा रहा है। सीएए के नाम पर दिल्ली से लेकर अन्य जगहों जिन लोगों ने हिंसा की उसे भी देश की जनता देख रही है।
उधर, भाजपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में दंगे का ‘‘राजनीतिकरण’’ कर रही है और दावा किया कि पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ‘आर या पार’ के आह्वान के बाद दो महीने तक हिंसा भड़काने की कोशिश की गयी । भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पूछा कि पुलिसकर्मियों पर हमले और खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत पर अन्य राजनीतिक दल चुप क्यों हैं ।
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