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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई, कई और राज्यों में भी भारी वर्षा

उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई, कई और राज्यों में भी भारी वर्षा

बद्रीनाथ की यात्रा फिर से शुरू नहीं की जा सकी क्योंकि मंदिर की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है।

उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई, कई और राज्यों में भी भारी वर्षा- India TV Hindi Image Source : PTI उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई, कई और राज्यों में भी भारी वर्षा

नई दिल्ली: बारिश से प्रभावित उत्तराखंड में बुधवार को छह और शव बरामद किए गए, जिससे इस राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गई जबकि उत्तर प्रदेश, सिक्किम और उत्तरी बंगाल के क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश हुई तथा इस कारण हुए भूस्खलन से गंगटोक को देश के शेष हिस्सों से जोड़ने वाली मुख्य सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को बंद करना पड़ा। पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश के बरेली और पीलीभीत जिलों में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। 

उत्तराखंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 17 लोग घायल हो गए और एक ट्रेकिंग टीम के 11 सदस्यों समेत 16 लोग लापता हो गए। राज्य के कुमाऊं क्षेत्र, जो बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, में भी 46 मकानों के क्षतिग्रस्त होने के मामले सामने आए हैं। नैनीताल में सबसे अधिक 28 लोगों की मौत हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कुमाऊं के उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। 

उन्होंने सड़क मार्ग से यात्रा की क्योंकि उनका हेलीकॉप्टर तकनीकी कारणों से हल्द्वानी से उड़ान नहीं भर सका। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में हालात का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं। हालांकि, बुधवार को पूरे उत्तराखंड में मौसम साफ हो गया, जिससे बचाव कार्यों को गति मिली और चारधाम यात्रा आंशिक रूप से फिर से शुरू हुई, जिससे तीर्थयात्रियों को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जाने की अनुमति मिली। 

हालांकि, बद्रीनाथ की यात्रा फिर से शुरू नहीं की जा सकी क्योंकि मंदिर की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि उसने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 1,300 से ज्यादा लोगों को बचाया है और बचाव दल की टीमों की संख्या बढ़ाकर 15 से 17 कर दी है। 

पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिलों और पर्वतीय सिक्किम में मूसलाधार बारिश के कारण बुधवार को भूस्खलन की कई घटनाओं में पुल क्षतिग्रस्त हो गए, राजमार्ग जलमग्न हो गए और सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच मुख्य सड़क संपर्क बड़े पैमाने पर अवरुद्ध हो गया जबकि तीस्ता सहित उफनती नदियों ने इसके किनारे के गांवों को तबाह कर दिया। 

मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कलिमपोंग और अलीपुरदुआर जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए बृहस्पतिवार की सुबह तक तीनों जिलों में एक दो स्थानों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में भी मूसलाधार बारिश का अनुमान है। 

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित की। हवाई सर्वेक्षण के बजाय, नकवी ने सड़क मार्ग से सर्वेक्षण किया। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में करीब 500 ग्रामीण शारदा नदी के बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। बरेली के फरीदपुर में एक दंपति और राम नगर इलाके में नौ साल के एक लड़के की भारी बारिश के कारण मकान गिरने से मौत हो गई।

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