पिथौरागढ़: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की एक टीम ने नंदादेवी पर्वत चोटी पर चढ़ने के प्रयास करने में जान गंवाने वाले सात पर्वतारोहियों के शवों को पिथौरागढ़ पहुंचा दिया गया है। इससे पहले इन्हें भारतीय वायु सेना के हैलीकॉप्टर के जरिए मुनस्यारी लाया गया था और फिर मुनस्यारी से सातों शवों को पिथौरागढ़ पहुंचाकर ITBP ने जिला प्रशासन के हवाले किया। इसी के साथ ITBP का ऑपरेशन "डेयरडेविल्स" भी पूरा हो गया।
बता दें कि गत 23 जून को ITBP की टीम ने शवों को बर्फ से खोदकर बाहर निकाला था और उन्हें 17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिविर में ले आए थे। लेकिन, भारतीय वायु सेना के चीता हेलीकाप्टरों के इतनी अधिक ऊंचाई तक उड़ पाने में विफल रहने के बाद उन्हें अब मुनस्यारी पहुंचाया जा सका है।
जाने-माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में गयी टीम आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7,434 मीटर ऊंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में वे लापता हो गये। मोरान पहले भी दो बार इस चोटी पर विजय पताका फहरा चुके हैं।
इन पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली के इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन :आइएमएफ: के अधिकारी चेतन पांडे भी शामिल थे। सात शवों को आइटीबीपी की टीम ने बरामद करने के बाद लगातार खराब मौसम के कारण आठवें शव की तलाश का काम बीच में छोड़ दिया था।
(इनपुट- भाषा)
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