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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत ने स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार किया

भारत ने स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार किया

भारत के औषधि नियामक ने रूस के कोविड वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है जो एकल खुराक वाला वैक्सीन है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक में सुझाई गईं सिफारिशों के अनुसार स्पूतनिक लाइट वैक्सीन भी उन्हीं तत्वों से बना है जिनसे स्पूतनिक वी बना है।

DCGI refuses to grant emergency-use authorisation to single-dose Sputnik-Light- India TV Hindi Image Source : PTI DGCI ने रूस के कोविड वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

नयी दिल्ली: भारत के औषधि नियामक ने रूस के कोविड वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है जो एकल खुराक वाला वैक्सीन है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक में सुझाई गईं सिफारिशों के अनुसार स्पूतनिक लाइट वैक्सीन भी उन्हीं तत्वों से बना है जिनसे स्पूतनिक वी बना है जिसके सुरक्षित होने को लेकर भारतीय आबादी में पहले ही परीक्षण किया जा चुका है, इसलिए इसी तरह का अलग से एक और परीक्षण करने के लिए आंकड़े अपर्याप्त दिखते हैं। इन सिफारिशों को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भी मंजूर किया है। 

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की वेबसाइट पर बृहस्पतिवार को अपलोड की गईं एसईसी की सिफारिशों में कहा गया कि डॉक्टर रैड्डीज लैबोरैटरीज ने डीसीजीआई को एक प्रस्ताव सौंपा था और रूस में पहले तथा दूसरे चरण के परीक्षणों के आंकड़ों के आधार पर स्पूतनिक लाइट के लिए बाजार संबंधी अनुमति मांगी थी तथा भारत में तीसरे चरण का परीक्षण करने के लिए समिति के समक्ष एक प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया था। 

सीडीएससीओ की एसईसी ने आवेदन पर विचार करने के बाद उल्लेख किया कि स्पूतनिक लाइट भी उन्हीं तत्वों से बना है जिनसे स्पूतनिक वी बना है। समिति ने यह भी उल्लेख किया कि रूस में तीसरे चरण का परीक्षण जारी है और स्पूतनिक लाइट के प्रभाव संबंधी आंकड़े अभी आने बाकी हैं। 

सिफारिशों में कहा गया है, ‘‘समिति ने व्यापक विमर्श के बाद सुझाव दिया कि कंपनी को बाजार संबंधी अनुमति के लिए स्पूतनिक लाइट के रूस में चल रहे तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के सुरक्षा और प्रभाव संबंधी आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए।’’ 

इनमें कहा गया कि भारतीय आबादी में एक अन्य परीक्षण में तत्व-1 के संबंध में सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनत्व संबंधी चीजों के बारे में पहले ही आंकड़े जुटाए जा चुके हैं तथा इसी तरह का एक और परीक्षण करने के लिए आंकड़े अपर्याप्त प्रतीत होते हैं।

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