सहारनपुर: ढाका आतंकी हमले के बाद सुखिर्यों में आए इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम (उप कुलपति) मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि पहले दिए गए फतवों को नाईक के खिलाफ हथियार नहीं बनाया जाए।
मौलाना मद्रासी ने कहा कि ‘‘दारूल उलूम द्वारा पहले दिये गये फतवों को जाकिर नाईक के खिलाफ हथियार न बनाया जाए। हमें यकीन है कि नाईक का दहशतगर्दी से कोई सम्बध नहीं हो सकता।’’
मद्रासी ने दारूल उलूम देवबंद का रुख साफ करते हुए कहा है कि ‘‘जाकिर नाईक इस्लामी विद्वान के तौर पर पहचाने जाते हैं और हम समझते हैं कि वह किसी तरह से आतंकवाद से जुड़े हुए नहीं हो सकते।’’
केबल ऑपरेटरों को 'पीस टीवी' जैसे अवैध चैनलों को बंद करने की सलाह
केंद्र ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि केबल ऑपरेटर ऐसे टीवी चैनलों का प्रसारण न करें, जिन्हें जाकिर नाइक के 'पीस टीवी' जैसे भारत में 'डाउन लिंक' करने की अनुमति नहीं है। केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से राज्यों को परामर्श जारी किया गया है। केंद्र ने घोषणा की कि विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के 'पीस टीवी' पर भाषणों से संबंधित सभी मामलों की जांच की जा रही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा, "जाकिर नाइक ने साल 2008 औा 2009 में टीवी चैनल के लिए आवेदन किया था जिसे खारिज कर दिया गया। अब यह उजागर हुआ है कि खास लोग अनाधिकृत रूप से नियमों का उल्लंघन करते हैं और उसके भाषणों का प्रसारण और डाउनलोड करते हैं। जो कुछ भी अनाधिकृत है, उसके खिलाफ मेरी ओर से कार्रवाई की जाएगी।"
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