दारुल-उलूम देवबंद ने रविवार को एक नया फतवा जारी कर मुस्लिम महिलाओं को चौंका दिया। अपने नए आदेश में दारुल-उलूम देवबंद ने नेल पॉलिश लगाने और नाखून काटने को गैर इस्लामिक कहा है। इस्लामिक धार्मिक संस्था ने उन मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ एक फतवा जारी किया है, जो कि नेल पॉलिश लगाती हैं और नाखून काटती हैं।
सहारनपुर स्थित दारुल-उलूम देवबंद के मुफ्ती इशरार गौरा ने इसे गैर इस्लामिक करार देते हुए कहा कि महिलाओं को अपने नाखूनों पर नेल पॉलिश की बजाए मेहंदी लगानी चाहिए। इसी महीने दारुल उलूम ने एक और फतवा जारी कर फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर सेल्फी तस्वीरें डालने को प्रतिबंधित करते हुए कहा था कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है।
यह पहली बार नहीं जब किसी इस्लामी धार्मिक संस्था ने महिलाओं के लिए इस प्रकार का फतवा जारी किया है। इससे पहले जून में दारुल उलूम ने एक फतवा जारी करते हुए सुन्नी मुस्लिमों को शिया समुदाय द्वारा इफ्तार पार्टी या दूसरे किसी प्रकार के आयोजनों में जाने पर रोक लगा दी थी। वहीं जुलाई में दारुल उलूम ने ही एक फतवा जारी कर वैक्सिंग और शेविंग को प्रतिबंधित किया था। दारुल उलूम के अनुसार यह इस्लामिक संस्कृति के खिलाफ है और शरिया कानून इसकी इजाजत नहीं देता है।
विवादित है नेलपॉलिश का मुद्दा
मुस्लिम महिलाओं द्वारा नेलपॉलिश का इस्तेमाल गैर इस्लामिक है कि नहीं, इस बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा फिलहाल जारी है। इस्लामिक कानून के कई जानकार इसे सही मानते हैं। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि नेलपॉलिश लगाने से पानी महिलाओं के नाखूनों को स्पर्ष नहीं कर पाता है। इसे देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद कई कंपनियां ब्रेथेबल नेलपॉलिश पेश कर रही हैं।
Latest India News