जोधपुर (राजस्थान): आजादी पाने के बाद देश का विकास सबसे बड़ा सवाल था। इसके लिए हर स्तर पर निरंतर प्रयास जारी रहे जिसका नतीजा है कि देश आज विकाशसील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। हम बदलता भारत की इस कड़ी में राजस्थान में चलाई गई उस मुहिम की चर्चा करेंगे जिसने राजस्थान के हजारों लोगों की जिंदगी बदल दी।
जोधपुर के फलोदी इलाके के काफी गांव ऐसे हैं जहां आजादी के बाद अब तक लोगों ने बिजली देखी तक नहीं थी। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें बल्ब क्या होता है, पंखा क्या होता है उन्हें पता नहीं। इन लोगों को मोबाइल फोन भी चार्ज करने के लिए दूर दराज इलाकों में जाना पड़ता था लेकिन अब इनकी जिंदगी धीरे-धीरे बदल रही है। आईआईटी मद्रास और बिजली मंत्रालय ने मिलकर इन गांवों को रोशन करने का संकल्प किया। एक सोलर पावर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है जिससे अब तक 2200 से ज्यादा घरों को रोशन किया जा चुका है।
गांव के लोगों ने बताया कि उन्हें कैरोसीन तेल से छुटकारा मिल गया है। घर में अब बल्ब रोशनी होती है। गर्मियों में अब पंखा भी चलता है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों ने बताया कि राजस्थान में कई ऐसे गांव है जहां बिजली पहुंचाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यहां घर काफी दूर-दूर बने होते है। यहां बिजली के तार पहुंचाना खर्चीला भी है और मुश्किल भी है इसलिए आईटआईटी मद्रास के एक प्रोफेसर ने सोलर प्रोजेक्ट शुरू किया था और केंद्र सरकार की मदद से इसे पूरा किया जा सका।
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