बिहार: चार दिन तक प्रेमी के घर धरने के बाद थाने में गूंजी शहनाई, पुलिसवाले बने बाराती
बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र में प्यार का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां प्रेमिका की अपने प्रेमी को जीवनसाथी बनाने की जिद के सामने न केवल कठोर प्रेमी को, बल्कि समाज को भी झुकना पड़ा
दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र में प्यार का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां प्रेमिका की अपने प्रेमी को जीवनसाथी बनाने की जिद के सामने न केवल कठोर प्रेमी को, बल्कि समाज को भी झुकना पड़ा। इसके बाद प्रेमी-प्रेमिका के लिए थाने में ही शहनाई बजी और फिर अग्नि के सात फेरे लेते ही जीवन भर के लिए एक-दूसरे के हो गए।
दरभंगा जिले का अलीनगर थाना परिसर में सोमवार को न केवल विवाह मंडप सजा, बल्कि पुलिसकर्मी बाराती बने और पारंपरिक तरीके से विवाह संपन्न कराया गया। पुलिस के अनुसार, सुपौल जिले के मरौना थाना क्षेत्र के रहने वाले बालेश्वर चौपाल की बेटी सरिता कुमारी और दरभंगा जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र निवासी मुनेश्वर साह के बेटे इंद्रजीत की मुलाकात एक साल पहले एक शादी समारोह में ही हुई थी। यहीं दोनों की आंखें लड़ीं और दोनों में प्यार हो गया।
कुछ दिनों बाद दोनों का जैसे-जैसे प्यार परवान चढ़ा, तब दोनों ने एक साथ जीने और मरने की कसमें खाईं। इंद्रजीत और सरिता अपने घरवालों से छुप कर लगातार एक दूसरे से मिलते भी रहे। इसके बाद सरिता ने वादे के मुताबिक, इंद्रजीत से शादी करने की बात शुरू की। लेकिन, इंद्रजीत अपने घरवालों के डर से किसी न किसी बहाने शादी टालता रहा।
इधर, सरिता ने हिम्मत दिखाई और एक सप्ताह पूर्व अकेले ही दरभंगा अपने प्रेमी के घर पहुंच गई और अपने प्रेमी के साथ रहने की जिद पर अड़ गई। पहले तो इंद्रजीत के परिवार वाले तैयार नहीं हुए। अपनी जिद पर अड़ी प्रेमिका सरिता चार दिनों तक प्रेमी के दरवाजे पर ही बैठी रही। इसके बाद गांव वालों का मन पसीजा और सभी लोग लड़की के पक्ष में खड़े हो गए।
इस क्रम में गांववालों ने लड़के के परिजनों पर शादी करने का दबाव बनाने लगे, लेकिन लड़के के घरवाले किसी भी सूरत में लड़की को अपनाने के लिए तैयार नहीं थे। इंद्रजीत भी अपनी प्रेमिका को पहचानने से इनकार करता रहा। गांव वालों के दबाव के बाद भी जब लड़के वाले सरिता को अपनाने के लिए तैयार नहीं हुए, तब उसने विवश होकर पुलिस से मदद मांगी।
वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी जद्दोजहद के बाद किसी तरह दबाव बनाकर लड़के के माता-पिता को शादी के लिए तैयार किया। अलीनगर के थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस की उपस्थिति में प्रेमी जोड़े की शादी अलीनगर थाना परिसर में पारंपरिक तरीके और हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई। इस विवाह समारोह में गांव के लोगों ने भी हिस्सा लिया और महिलाओं ने भी शादी के मंगल गीत गाए।
शादी के बाद सरिता का कहना है, "सुना था कि सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है, आज यह देख भी लिया। आज मेरे प्यार की भी जीत हुई है।"
सरिता को इस बात का अफसोस जरूर है कि उसकी शादी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद थाना परिसर में हुई, हालांकि उसे इस बात का सुकून भी है कि उसका जीवनसाथी मिल गया। बहरहाल, इस विवाह का चर्चा आसपास के क्षेत्रों में हो रही है और लोग इसे सच्चे प्यार की जीत बता रहे हैं।