Cyclone Tauktae ने गुजरात में मचाई तबाही, सात लोगों की मौत, भारी नुकसान
गुजरात में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में कम से कम सात लोगों की जान चली गई जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है।
अहमदाबाद: गुजरात में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में कम से कम सात लोगों की जान चली गई जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 16,000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और एक हजार से ज्यादा बिजली के खंभे इसकी वजह से उखड़ गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात ‘ताउते’ सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और उना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। यह गुजरात तट से ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ के रूप में गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ गया।
आईएमडी ने अपने नवीनतम बुलेटिन में बताया कि मंगलवार सुबह यह सौराष्ट्र क्षेत्र में अमरेली के निकट “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर बना हुआ था और दोपहर बाद इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की उम्मीद है। आईएमडी के सुबह साढ़े 10 बजे के बुलेटिन के मुताबिक चक्रवात अमरेली से 15 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व, सुरेंद्रनगर से करीब 125 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और अहमदाबाद से 205 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में था तथा इस दौरान हवा की रफ्तार 125 किलोमीटर प्रतिघंटे से घटकर 105-115 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई। अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की तीव्रता के कमजोर पड़ने के बावजूद यह अपने पीछे काफी तबाही छोड़ कर गया है और कम से कम सात लोगों की जान गई है, जिनमें से भावनगर में तीन तथा राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के एक अधिकारी ने चक्रवात की वजह से तीन मौत की पुष्टि की है जिनमें राजकोट, वलसाड और भावनगर में एक-एक व्यक्ति के मरने की बात कही गई है। पाटण ए-संभाग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात तेज हवाएं चलने से, घर में सो रही एक महिला पर बिजली का खंभा गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। एक स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि भावनगर के पलिताना तालुका के बादेली गांव में घर की दीवार गिरने से एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि एक अन्य घटना में अमरेली जिले के राजुला में सोमवार रात एक मकान की छत ढहने से एक लड़की की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री रुपाणी ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात की वजह से 16500 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से अधिकतर छप्पर वाले थे, वहीं 40 हजार से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और 1081 खंभे भी उखड़ गए, जिनमें से अधिकतर बिजली के थे। उन्होंने कहा कि 159 सड़कों को नुकसान पहुंचा है जबकि विभिन्न कारणों से 196 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, जिनमें से 45 को वाहनों की आवाजाही के लिये फिर से खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2437 गांवों में बिजली नहीं थी, जिनमें से अब तक 484 गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
रुपाणी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्य चिंता प्रदेश के करीब 1400 अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों की निर्बाध उपचार की है। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में से 16 को चक्रवात की वजह से बिजली आपूर्ति ठप होने का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इनमें से 12 की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है जबकि चार में अभी जनरेटरों से काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि भावनगर के एक संयंत्र में चक्रवाती तूफान की वजह से चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन का काम बाधित हुआ लेकिन सुरक्षित (बफर) स्टॉक से आपूर्ति जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है जबकि इस इलाके के कुछ स्थानों पर भारी से बेहद भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इसमें कहा गया कि हवा की गति दिन में घटने की उम्मीद है।