Cyclone Amphan: बंगाल में 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार
प्रचंड तूफान अम्फान के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच तट पर पहुंचने की संभावना है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने एक लाख लोगों को तटीय जिलों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। सरकार अन्य 1.5 लाख लोगों को निकालकर अन्य स्थान पर पहुंचाने की प्रक्रिया मंगलवार रात तक पूरी कर ली जाएगी। आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने बताया कि सरकार ने ईस्ट मिदनापुर, नॉर्थ 24 परगना और साउथ 24 परगना, सुंदरबन को चक्रवात अम्फान की वजह से हाई अलर्ट में रखा है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात अम्फान से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विस्थापितों को दो लाख मास्क वितरित किए हैं और राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के जवानों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट प्रदान किए गए हैं। प्रचंड तूफान अम्फान के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच तट पर पहुंचने की संभावना है।
सुंदरबन में बीएसएफ ने अपने जहाजों एवं गश्ती नौकाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश नदी क्षेत्र मोर्चे और इच्छामती नदी की सुरक्षा के लिए तैनात अपनी तीन चलती फिरती सीमा चौकी जहाजों तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर इन जहाज और नौकाओं का इस्तेमाल इस क्षेत्र में 350 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र की चौकसी के लिए करता है। वह यहां 930 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है, जिसमें सुंदरबन, एश्चुअरी प्वाइंट, इच्छामती नदी और पानीतार का 110 किलोमीटर लंबा क्षेत्र आता है।
इस इलाके में दोनों देशों की भूमि और नदी सीमाएं एक दूसरे से मिलती हैं। तीन चलती फिरती सीमा चौकियों या जहाज तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल फ्रंटियर) एस एस गुलेरिया ने बताया कि इन नौकाओं और जहाजों से संबद्ध लोग इस चक्रवात तक भूमि सीमा चौकियों पर रहेंगे। एनडीआएफ में अपनी सेवा दे चुके गुलेरिया ने कहा कि इलेक्ट्रिशियनों, राज-मिस्त्रियों और इंजीनियरों की एक टीम नदी सीमा क्षेत्रों में भेजी गई है ताकि वे किसी नुकसान की सूरत में बुनियादी ढांचों की यथाशीघ्र मरम्मत और बहाली में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नदी सीमा चौकियों पर सेटेलाइट फोन भी प्रदान किए गए हैं ताकि संवाद कायम रहे।