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Hindi News भारत राष्ट्रीय करोड़पति क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा जी रहे हैं मुफलिसी ज़िन्दगी!

करोड़पति क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा जी रहे हैं मुफलिसी ज़िन्दगी!

इंसान की किस्मत कब धोखा दे जाये कोई नहीं जानता। करोड़पति से रोटी रोज़ी के लिये मोहताज़ हुए अहमदाबाद के बड़े इंडस्ट्रियलों में शुमार संतोख सिंह बुमराह के साथ ऐसा ही हुआ है। यह कोई और नहीं भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ करोड़पति क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह क

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ऊधम सिंह नगर: इंसान की किस्मत कब धोखा दे जाये कोई नहीं जानता। करोड़पति से रोटी रोज़ी के लिये मोहताज़ हुए अहमदाबाद के बड़े इंडस्ट्रियलों में शुमार संतोख सिंह बुमराह के साथ ऐसा ही हुआ है। यह कोई और नहीं भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ करोड़पति क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के सगे दादा संतोख सिंह बुमराह है। जो आजकल बुढ़ापे में अपने छोटे बेटे जसविंदर सिंह के साथ उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के छोटे से कस्वे किच्छा में किराये के टूटे फूटे कमरे में रह कर मुफलिसी की ज़िन्दगी काट रहे है। यहां वो ऑटो चलाकर कर अपनी और अपने छोटे पोलियोग्रस्त बेटे के साथ आजीविका चला रहे है।

कभी गुजरात के अहमदाबाद मे बटवा इंडस्ट्रियल स्टेट में संतोख सिंह बुमराह का जलवा हुआ करता था। वो लग्ज़री कारों और प्लेन में सफर किया करते थे। अहमदाबाद में उनकी तीन फैक्ट्रिया जे. के. इण्डस्ट्रीज़,जे.के. मशीनरी इकोमेंट प्राइवेट लिमिटेड और जे.के. इकोमेंट नामक फैक्ट्रिया थी। इसके अलावा दो सिस्टर कंसर्न गुरुनानक इंजीनियरिंग वर्क्स और अजीत फैब्रीकेटर भी थी। सारा कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर सिंह बुमराह संभालते थे। 2001 में बेटे की बीमारी से मौत से संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रिया भी आर्थिक संकट से घिर गई। बैंको का कर्ज़ा निबटाने के लिये उन्हें तीनो फेक्ट्रियों को बेचना पड़ा। उनकी शानदार ज़िन्दगी एक दम से ज़मीन पर आ गई।

इंडस्ट्रियल स्टेट में रूतबा रखने वाले करोड़पति संतोख सिंह बुमराह आज खाकपति हो गए है। अपने सुनहरे दिनों की याद करते करते संतोख सिंह की बूढी आँखो मे आंसू छलक आते है। हालांकि ज़िन्दगी की आखरी दहलीज़ पर पहुंचे 84 साल के बुज़ुर्ग संतोख सिंह बुमराह को अपनी मुफ़लिस ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है,वो इसे सब कुदरत का खेल मानते है। लेकिन उनका पोता आज देश का बड़ा क्रिकेटर बन गया है। जब वो अपने पोते जसप्रीत बुमराह को टी वी स्क्रीन पर तेज़ गेंदबाज़ी करते देखते है, तो उनमें जवानी का जोश भर जाता है। कभी गोदी में खेलता उनका पोता आज देश के लिये खेल रहा है और वो क्रिकेट का चमकता सितारा बन गया है।

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बूढ़े हो गए संतोख सिंह ने अपने पोते जसप्रीत बुमराह के बचपन की फोटो बहुत सहेज कर रखी है। वो अपने पोते से मिलने के लिये छटपटा रहे है। संतोख सिंह का कहना है कि जीवन के आखरी पड़ाव में पोते को गले लगा कर उसे प्यार करने की तमन्ना है, वो उसे छू कर आशीर्वाद देना चाहते है। अगर यह सच हो गया तो यही उनकी ज़िन्दगी के सबसे बेहतरीन पल होगा। पागलो की तरह वो मीडिया के माध्यम से पोते से मिलने का मार्मिक सन्देश अपने पोते तक पहुंचाना चाहते है।

संतोख सिंह बुमराह का कहना है कि पोते से लिपट कर मेरी सभी तमन्ना पूरी हो जाएगी उसके बाद अगर मौत भी गले लगा ले तो कोई गिला नहीं है। वाहे गुरु मेरी अंतिम इच्छा पूरी कब करते है। मैं उसका इंतज़ार कर रहा हूं।

क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा की आर्थिक संकट की जानकारी मिलने पर एसडीएम नरेश दुर्गापाल ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर जानकारी ली और उनको आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया। नरेश दुर्गापाल का कहना है कि इस मामले में सत्यापन कराया जा रहा है। इसके बाद इनकी मदद कराई जाएगी और मुख्यमंत्री जी से मदद दिलाने का प्रयास किया जायेगा।

जो भीं हो आज भले ही संतोख सिंह बुमराह मुफलिसी में ज़िन्दगी जी रहे हो लेकिन उन्हें किसी सरकारी मदद से ज़्यादा अपने पोते से मिलने की तमन्ना है। 

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