नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ तालमेल के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। CPM के महासचिव सीताराम येचुरी ने समिति के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए शनिवार को कहा कि तमिलनाडु, केरल और असम में भी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन किया जाएगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति की 30 और 31 अक्टूबर को हुई बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
2006 से पहले बंगाल पर लेफ्ट का था एकछत्र राज
येचुरी ने कहा, ‘केरल में हम LDF का हिस्सा रहते हुए चुनाव लड़ना जारी रखेंगे। CPM तमिलनाडु में DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगी। असम में हम कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ सहयोग करते हुए चुनाव लड़ेंगे। CPM और वाम दल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चुनावी तालमेल के साथ उतरेंगे ताकि BJP और तृणमूल कांग्रेस को हराया जा सके।’ बता दें कि 2006 में तृणमूल कांग्रेस के बंगाल की सत्ता में आने से पहले 34 सालों तक सूबे में वाम मोर्चे का ही राज रहा था।
2016 में 26 सीटें ही जीत पाई थी सीपीएम
साल 2016 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो CPM को कुल मिलाकर 26 सीटें मिली थीं। पार्टी को कुल 19.75 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस को उन विधानसभा चुनावों में 44 सीटें मिली थीं और उसके लिए सूबे के 12.25 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था। बीजेपी उन चुनावों में काफी पीछे थी और 10.16 प्रतिशत मतों के साथ उसके खाते में सिर्फ 3 सीटें आई थीं। हालांकि अब मामला बिल्कुल पलट चुका है और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी सूबे की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को कुल 40.64 प्रतिशत वोट मिले थे, और उसने 42 में से 18 सीटें जीत ली थीं।
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