नई दिल्ली: माकपा ने लड़ाकू विमान राफेल पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के संसद में पेश होने से पहले, इसके कुछ अंश समाचार चैनलों पर प्रसारित होने पर सवाल खड़े करते हुए रिपेार्ट के लीक होने का आरोप लगाया है। माकपा के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राफेल खरीद मामले में कैग की रिपेार्ट पेश किए जाने की चर्चा थी। लेकिन, ये रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि इस बीच कुछ समाचार चैनलों पर इस रिपोर्ट से जुड़ी खबरें प्रसारित की गईं। सलीम ने कहा कि कैग रिपोर्ट का सबसे पहले संसद के समक्ष पेश किया जाना संसदीय विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा ‘‘मुझे नहीं मालूम कि संसद की पहुंच से दूर रही कैग रिपोर्ट समाचार चैनलों तक कैसे पहुंच गई। इसका सरकार के पास भी कोई जवाब नहीं है।’’
सलीम ने सरकार पर आधिकारिक आंकड़ों के एकत्रीकरण और प्रकाशन की व्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के आंकड़ों की जांच करने वाली प्राक्कलन समिति की बैठक पिछले साल अक्तूबर से ही नहीं हुई है। बजट प्रस्ताव पर वित्त मंत्री के जवाब में भी सत्तापक्ष की ओर से रोजगार सहित विभिन्न मुद्दों पर आंकड़ों की बात नहीं की गई।
उन्होंने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन की तर्ज पर प्राक्कलन समिति को भी निष्क्रिय बनाने का आरोप लगाते हुए कहा ‘‘सरकार सिर्फ अकड़ की बात करती हैं, आंकड़ों की नहीं।’’ सलीम ने कहा कि अब ये देखने वाली बात होगी कि पांच साल से आंकड़े एकत्र नहीं होने की बात कह चुकी सरकार बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को राफेल मामले पर कैग की रिपोर्ट संसद में पेश करती है या नहीं।
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा विपक्ष की एकजुटता के लिए बुधवार को दिल्ली में आयोजित रैली में माकपा के शामिल होने के सवाल पर सलीम ने कहा कि उन्हें रैली के मकसद सहित अन्य तथ्यों की जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल की रैली में तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी सहित विपक्षी दलों के अन्य नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
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