नई दिल्ली. सरकार ने अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए देश के कुछ चुनिंदा स्थानों के सुदूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में कोविड-19 रोधी टीके और दवाओं के वितरण के लिये ड्रोन का इस्तेमाल करने के उद्देश्य से निविदा आमंत्रित की है। निविदा दस्तावेज के मुताबिक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी),कानपुर के साथ मिलकर सफलतापूर्वक व्यवहारिकता अध्ययन किया और मानवरहित विमानों (यूएवी) का इस्तेमाल कर टीकों के वितरण के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित की है।
ICMR की तरफ से एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेज (खरीद सहयोग एजेंसी) ने केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के जरिये अनुभवी भारतीय एजेंसियों से मानवरहित विमानों के जरिये चिकित्सा आपूर्ति (टीके व दवाओं की आपूर्ति) के लिये अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित की है।
निविदा के मानदंडों के मुताबिक, ICMR उन UAV संचालकों को शामिल करेगा जो निश्चित पूर्व निर्धारित उड़ान मार्ग पर दृश्य सीमा रेखा से परे (बीवीएलओएस) संचालन में सक्षम हों और देश के चुनिंदा स्थानों पर चिकित्सा आपूर्ति वितरित करने के बाद वापस कमान स्टेशन पर लौट आएं। मौजूदा महामारी के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये विभिन्न एजेंसियां सरकार की मदद कर रही हैं।
निविदा दस्तावेज में कहा गया कि टीकों के वितरण को मजबूत बनाने के लिये आईसीएमआर ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर यूएवी के जरिये टीकों के वितरण की व्यवहारिकता का सफलतापूर्वक अध्ययन किया है। इसमें कहा गया, “अध्ययन के शुरुआती नतीजों के आधार पर आईसीएमआर ने यूएवी का इस्तेमाल कर टीकों के सफलतापूर्वक वितरण के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित की है।”
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