नई दिल्ली. अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल और बायोटेक फर्म Moderna ने रविवार, 13 मई को COVID-19 टीके खरीदने के पंजाब के प्रयासों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सीधे राज्यों को आपूर्ति नहीं करता है, और केवल भारत सरकार को ही कोविड वैक्सीन की सप्लाई करेगा। ये जानकारी अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में दी गई। Moderna का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब पंजाब में फेज1 और फेज 2 का वैक्सीनेशन वैक्सीन की कमी की वजह से रोकना पड़ा है, जिसकी वजह से पंजाब सरकार ने वैक्सीन की सप्लाई के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला था।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर विकास गर्ग ने कहा कि उन्होंने हमें लिखा है कि अपनी नीति के तहत, वे सीधे राज्यों या निजी पार्टियों के साथ व्यवहार नहीं करते हैं। वे केवल भारत सरकार के साथ सौदा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी स्रोतों से उनके टीके की आपूर्ति को फिर से करवाने का प्रयास कर रहा है, और स्पुतनिक वी निर्माता गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, फाइजर, और जॉनसन एंड जॉनसन के लिए निविदाएं मंगाई हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें हमें अभी तक केवल मॉडर्ना से जवाब मिला है। अन्य कंपनियों से प्रतिक्रिया का इंतजार है। उन्होंने कहा कि इसे हतोत्साहित करने वाली प्रतिक्रिया नहीं कहा जा सकता। हालांकि गर्ग ने कहा कि राज्य को COVAX से "सकारात्मक" प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन उन्होंने विवरण प्रदान करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य को केंद्र सरकार से 44 लाख से कम टीके मिले हैं। जिस वजह से पंजाब को सभी फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण प्रक्रिया को रोकने के लिए भी मजबूर होना पड़ा। आपको बता दें कि अमरिंदर सिंह प्रशासन ने 18-44 समूह के लिए टीकों की खरीद के लिए 1,000 करोड़ रुपये अलग रखे हैं, केवल वो सिर्फ 4.2 लाख खुराक ही खरीद पाए हैं। गर्ग ने बताया कि कुल 3.65 लाख खुराकें दी गई हैं, सरकार के पास अब तक केवल 64,000 का स्टॉक बचा है।
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