फतेहपुर (उप्र): कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से जब अपने ही सगे संबंधी, किसी करीबी की मौत होने पर उसकी अंत्येष्टि से बच रहे हैं, ऐसे में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दिवंगत लोगों के पार्थिव शरीरों को श्मशान घाट तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। ऑर्गनिक खेती से आजीविका चलाने वाले अशोक तपस्वी ने एक ट्रक को शव वाहन में तब्दील कर उसे 'तपस्वी सेवा रथ' नाम दिया है। शव को श्मशान घाट ले जाने के लिए फोन कर सेवा रथ बुलाया जा सकता है। रिश्तेदार ना हों तो स्वयंसेवी शव को कंधा देते हैं।
तपस्वी ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का डर, लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के नियम ऐसे परिवारों के लिए परेशानी बन रहे हैं जिन्होंने किसी अपने को खोया है। चार महीने पहले पिता के दिवंगत होने पर शुरू की गई तपस्वी की यह सेवा गरीबों के लिए मुफ्त है जबकि जो दे सकते हैं, उनसे 2100 रुपये लिए जाते हैं।
तपस्वी का कहना है ‘‘लॉकडाउन के चलते रथ की मांग काफी अधिक है। पहले रोज करीब दस फोन आते थे लेकिन अब 30 से 40 फोन आते हैं।’’ वह अधिकतर लोगों की मदद करने का प्रयास करते हैं। अब उनकी कोशिश और वाहन खरीदने की है ताकि सेवा का विस्तार किया जा सके। महाराष्ट्र में जन्मे तपस्वी, लावारिस शव को अंत्येष्टि स्थल तक ले जाने में पुलिस की भी मदद करते हैं।
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