नई दिल्ली: देश के 700 से ज्यादा जिलों में से 533 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना वायरस की पॉजिटिविटी रेट में 10 प्रतिशत से ज्यादा है। यह जानकारी मंगलवार को सरकार की तरफ से दी गई। इससे कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वायरस का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैला है।
देश के 13 राज्यों में 1 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं, छह राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच एक्टिव मामले हैं। 17 राज्य ऐसे है जहां एक्टिव मामले 50 हजार से कम हैं। देश भर में कुल 37 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले है।
ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा- चूंकि कोरोना की दूसरी लहर प्रचंड है इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी उस सिफारिश को नरम करने का वक्त आ गया है जिसमें कहा गया था कि कोविड के कुल टेस्ट में से 30 प्रतिशत से ज्यादा रैपिड एंटीजन टेस्ट नहीं होना चाहिए।
डॉ. भार्गव ने कहा कि ग्रामीण इलाकों टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में केंद्र स्थापित कर रैपिड एंटिजन टेस्ट कराने की जरूरत है। इससे टेस्टिंग की गति तेज होगी। हालांकि रैपिड एंटिजन टेस्ट की रिपोर्ट आरटीपीसीआर जैसी सटीक नहीं आती है। चूंकि आरटी पीसीआर में वक्त लगता है इसलिए आरएटी के जरिए इस काम को तेजी से किया जा सकता है।
डॉ. भार्गव ने कहा “भारत में कोविड -19 के मामलों में बड़ा उछाल आया है। नेशनल पॉजिटिविटि रेट करीब 20-21 प्रतिशत है। देश के लगभग 42 प्रतिशत जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटि रेट नेशनल एवरेज से ज्यादा है। टेस्टिंग और आइसोलेशन संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।‘
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