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Hindi News भारत राष्ट्रीय तो क्या काली मिर्च, शहद-अदरख से नहीं होंगे कोरोना संक्रमित? सामने आई ऑक्सीजन लेवल चेक करने की सच्चाई

तो क्या काली मिर्च, शहद-अदरख से नहीं होंगे कोरोना संक्रमित? सामने आई ऑक्सीजन लेवल चेक करने की सच्चाई

दरअसल, कहा जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कोरोना वायरस का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है।

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच कोरोना से बचाव के सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया है, तो आप भी अपनी तरफ से या सोशल मीडिया पर वायरल तरीकों से इलाज करने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें। दरअसल, एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कोरोना वायरस का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है।

जानिए कोरोना के इस घरेलू इलाज को WHO ने क्या पहली बार में दी स्वीकृति?

सोशल मीडिया पर यूपी के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह के नाम से जोड़कर कोविड-19 से जुड़ा एक घरेलू नुस्खा वायरल हो रहा है। इसमें सांसद के हवाले से कहा जा रहा है कि 'एक सुखद समाचार, भारतीय छात्र ने ढूंढा कोरोना संक्रमण का घरेलू इलाज WHO ने दी पहली बार में स्वीकृति'। मैसेजे में कहा जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र रामून ने कोविड-19 के संक्रमण का घरेलू इलाज खोज लिया, जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी। उसने सिद्ध कर दिया कि एख चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मन शहद, थोड़ा सा अदरख का रस लगातार 5 दिनों तक लिया जाए तो कोरोना के प्रभालव को 100 प्रतिशत तक समाप्त किया जा सकता है। संपूर्ण जगह इस उपचार को लेना आरंभ कर रहा है। अंतत: 2021 में एक सुखद अनुभव। इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें। 

जानिए क्या है सच्चाई

केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने इसको वायरल मैसेज को लेकर सच्चाई सामने ला दी है। पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर बताया कि ऐसे भ्रामक संदेश साझा न करें। कोविड-19 से जुड़ी सही जानकारी हेतु आधिकारिक सूत्रों पर ही विश्वास करें।

ऑक्सीजन लेवल चेक करने का ये तरीका है फर्जी

साथ ही एक अन्य वायरल मैसेज में ऑक्सीजन लेवल चेक करने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है। वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि अगर आप A और B नाम के दो पॉइंट दिए गए हैं जिसमें अगर आप A से लेकर B तक अपनी सांस रोकने में कामयाब होते हैं तो आप कोरोना फ्री हो जाएंगे। कई लोग इस मैसेज को सही मानकर सांस रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पर क्या वाकई ये तरीका सही है। इस बात का जवाब खुद एक डॉक्टर ने दिया है। फहीम नाम के एक डॉक्टर कि मानें तो ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए वायरल हो रहा ये तरीका फर्जी है और इसे ट्राई करना सही नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'ये मैसेज फर्जी है, इसे बिल्कुल भी ट्राई न करें। ये बिल्कुल सही नहीं है।'

 

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