भोपाल: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का प्रकोप बढ़ने के मद्देनजर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक प्रमुख कब्रिस्तान में कम से कम दस कब्रें हर वक्त उपयोग के लिए तैयार रखी जा रही हैं। भोपाल में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण को 900 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 35 लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल शहर में कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले जहांगीराबाद में झाड़ा कब्रिस्तान में यह व्यवस्था की गई है।
इस कब्रिस्तान की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम झाड़ा कब्रिस्तान में कम से कम दस कब्रें हर वक्त इस्तेमाल के लिए तैयार रखते हैं, क्योंकि अस्पतालों से शव कभी भी यहां आ रहे हैं। हमें नहीं पता मरने वाले लोग कोविड-19 संक्रमित हैं या नहीं।’’ कब्रों को उपयोग के लिए तैयार रखने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘एक कब्र खोदने में लगभग 4-5 घंटे लगते हैं। इन परिस्थितियों में हम शवों को दफनाने के लिए लोगों को पांच घंटे तक इंतजार नहीं करा सकते। वह भी तब, जब प्रशासन अस्पताल में मरने वाले लोगों के शवों को घर ले जाने की अनुमति भी नहीं दे रहा।’’
रेहान ने बताया कि झाड़ा कब्रिस्तान में छह अप्रैल से अब तक शहर के विभिन्न अस्पतालों से 38 शव आ चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम कब्रों को तैयार रखते हैं और शरीयत के अनुसार शव को दफनाने की रस्मों में लगभग आधा घंटा लगता है।’’ उन्होंने बताया कि पांच मई को कब्रिस्तान में एक ही दिन में अलग-अलग अस्पतालों से छह शव आए थे। रेहान ने कहा, ‘‘हम सभी मामलों में पूरी सावधानी बरतते हैं क्योंकि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि अस्पताल से आने वाला शव कोविड-19 संक्रमित है या नहीं।’’
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार बृहस्पतिवार शाम तक भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 900 पर पहुंच गई। इनमें से 35 लोगों की मौत हो गई है। शहर में संक्रमण के मामलों में से 25 प्रतिशत मामले अकेले जहांगीराबाद इलाके से सामने आए हैं। भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे पहला मामला 22 मार्च को सामने आया था, जब लंदन से लौटी 25 वर्षीय लड़की में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
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