चंडीगढ़: सिरसा के एक पत्रकार की हत्या के मामले में पंचकूला अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम दोषी करार दिया है। इससे पहले सरकार ने हरियाणा में, विशेषकर पंचकूला, सिरसा (डेरा मुख्यालय) और रोहतक जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की कई कंपनियों, दंगा विरोधी पुलिस और कमांडो बल को तैनात किया जा रहा है। पंचकूला पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं जिसके तहत पंचकूला में धारा-144 लगाई गई है।
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मोहम्मद अकील ने कहा, "हरियाणा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।" पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी जिलों की पुलिस को लोगों को गैरजरूरी रूप से जमा होने से रोकने और अतिरिक्त निगरानी रखने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में नाकेबंदी भी की गई है। पुलिस ने कहा कि सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय के नजदीक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
अगस्त 2017 में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के दौरान हरियाणा के सिरसा और पंचकूला में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। 51 वर्षीय राम रहीम अपनी दो अनुयायियों के बलात्कार के जुर्म में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है।
सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की 2002 में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। परिवार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसकी जांच नवंबर 2003 को सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने जांच के बाद 2007 में कोर्ट में चालान पेश कर दिया था। इसमें डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को हत्या की साजिश रचने के आरोप में धारा 120बी आईपीसी में आरोपी ठहराया गया था। 11 जनवरी को इस मामले में सीबीआई कोर्ट में फैसला होने की संभावना है।
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