निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को कोर्ट से जमानत, वीजा नियमों के उल्लंघन का मामला
राजधानी दिल्ली की एक कोर्ट ने गुरुवार को 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी। ये सभी तब्लीगी जमात से जुड़े हैं और इनपर वीजा नियमों के उल्लंघन का मामला है।
नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को निजामुद्दीन मरकज मामले में आठ देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी। इन सभी के खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों में संलिप्त होने और कोविड-19 प्रकोप के मद्देनजर लागू सरकारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के आरोप हैं। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने प्रत्येक को 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर राहत प्रदान की। कुछ विदेशी नागरिकों की ओर से पेश हुई वकील आशिमा मंडला ने बताया कि अभियुक्त शुक्रवार को अपने प्ली बार्गेनिंग (सौदा अभिवाक्) आवेदन दायर करेंगे।
इसके अंतर्गत अभियुक्त द्वारा अपराध स्वीकृति पर उसे हल्के दंड से दंडित किया जाता है, जो अन्यथा अधिक हो सकता है। सुनवाई के दौरान सभी विदेशी नागरिकों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया गया। आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील फहीम खान, मंदाकिनी सिंह, अहमद खान ने बताया कि ये लोग माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, जिबूती, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार से ताल्लुक रखते हैं।
60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार के जुर्माने के बाद रिहा किया
दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को 60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार रुपये जुर्माना भरने के बाद रिहा कर दिया। एक वकील ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि याचिका समझौता प्रक्रिया के अंतर्गत हल्के आरोप स्वीकार करने के बाद अदालत ने उन्हें मुक्त किया। मलेशियाई नागरिकों के खिलाफ कोविड-19 के दौरान निजामुद्दीन स्थित मरकज के आयोजन में शामिल होकर वीजा नियमों और सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन समेत अन्य आरोप थे।
उनके वकील ने बताया कि मलेशियाई नागरिकों ने हल्के आरोप स्वीकार करने के बाद याचिका समझौता प्रक्रिया के अंतर्गत कम से कम सजा का अनुरोध किया, जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने यह आदेश जारी किया। विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील एस हरि ने बताया कि मामले के शिकायतकर्ता लाजपत नगर के उप संभागीय मेजिस्ट्रेट, लाजपत नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन के निरीक्षक ने कहा कि उन्हें इन याचिकाओं पर कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद आरोपी विदेशी नागरिकों को मुक्त कर दिया गया।
याचिका समझौता प्रक्रिया के अंतर्गत आरोपी अपराध स्वीकार करके कम सजा का अनुरोध करता है। सात साल की अधिकतम सजा वाले मामलों में ही याचिका समझौता प्रक्रिया की अनुमति दी जाती है, जहां अपराध के कारण समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्रभावित नहीं होती और अपराध महिला अथवा 14 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ नहीं किया गया हो। इन सभी आरोपियों को 10,000 रुपये के मुचलके पर सात जुलाई को जमानत दे दी गई थी।
With input from Bhasha