नई दिल्ली: करप्शन पर मोदी सरकार के ऐलान-ए-जंग का असर नजर आने लगा है। करप्शन के केस में एक से बड़ा एक शख्स सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। ईडी और सीबीआई ने एक साथ कई लोगों पर शिकंजा कस दिया है। ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया विजन में भ्रष्टाचारियों के लिए कहीं कोई जगह नहीं है। पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी से अब ये साफ हो चुका है कि मोदी राज में किसी भी भ्रष्टाचारी का बचना मुश्किल है। मोदी राज 1 से लेकर मोदी राज 2 तक में पीएम मोदी भ्रष्टाचारियों से निपटने में लगे हैं।
ये मोदी का ऑपरेशन क्लीन का असर है कि बीते 5 सालों में 312 भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर किया गया। मोदी सरकार ने दूसरी पारी शुरू करते ही भ्रष्च अफसरों को डायरेक्ट मैसेज दे दिया था कि करप्शन किया तो छोड़ेंगे नहीं। हाल ही में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स डिपार्टमेंट के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया। इतना ही नहीं इनकम टैक्स के भी 12 अधिकारियों की भी छुट्टी कर दी गई।
आरोप है कि ये अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त थे। ये मोदी सरकार का मिशन क्लीन है जिसके तहत हर भ्रष्टाचारी को जेल भेजने की कवायद जारी है। पुरानी सोच से अलग हैं प्रधानमंत्री मोदी की सोच। मोदी पुरानी परंपराओ को तोड़कर न्यू इंडिया की नई सोच पर चल रहे हैं जहां करप्शन के लिए कोई जगह नहीं है।
मोदी भ्रष्टाचार मिटाकर ग्लोबल करप्शन इंडेक्स की रैंकिंग में भारत को डेनमार्क के बराबर लाना चाहते हैं। अभी भारत की रैकिंग 78वें पायदान पर हैं। ये तभी मुमिकन होगा जब भष्ट लोगों में एक्शन का डर होगा।
साफ है कि मोदी के निशाने पर वो सभी लोग हैं जो रुपये-पैसों का काला कारोबार करने में जुटे हैं जो धोखा देकर करोड़ो-अरबों का गबन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार पर मोदी के एक्शन का ही ये असर है कि एक-एक कर भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं। आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कमलनाथ का भांजा रतुल पुरी भी गिरफ्तार हो चुका है और आज ही एमएनएस चीफ राज ठाकरे की भी ईडी के सामने पेशी है। वहीं चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी आईएनएक्स मीडिया केस में जमानत पर हैं।
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