लखनऊ. कोरोना संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकरा मचा हुआ है। अब जब भारत में कोरोना वैक्सीन आने वाली है, ऐसे में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों में ये भ्रम फैल गया है कि वैक्सीन में कुछ ऐसा पदार्थ मिक्स है जो इस्लाम में स्वीकार्य नहीं है। मुस्मिलों में फैले इस भ्रम को दूर करने के लिए मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में इंसान की जान की खास अहमियत है, ऐसे में वैक्सीन जरूर लगवाएं और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
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वरिष्ठ शिया मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "इस्लाम धर्म में इंसान की जान की बहुत अहमियत है। जिस तरीके से ये भ्रम पैदा किया जा रहा है कि वैक्सीन के अंदर वो चीजें मिक्स हैं, जो इस्लाम में हराम हैं। बेशक हलाल और हराम इस्लाम ने कहा है। मगर जहां पर इंसानी जिंदगी बचाने की बात हो, वहां इस्लाम मजहब ये कहता है कि जब कुत्ता जैसा नजीज जानवर अगर प्यासा है और तुम वजु कर रहे और वजु का पानी इतना है कि या तो तुम वजु कर लो या कुत्ते का जान बचा लो इस्लाम मजहब ये कहता है कि कुत्ते की जान बचा लो, वजु छोड़ दो।"
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उन्होंने आगे कहा कि जहां कुत्ते की जान की अहमियत हो इस्लाम की निगाह में, तो इस्लाम में इंसान की जान की क्या अहमियत है, लिहाजा सभी से मैं अपील करता हूं कि कोरोना सें निपटने के लिए आप वैक्सीन जरूर लगवाएं। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। WHO की गाइडलाइन पर अमल करें।
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आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर खबर फैल रही है कि कोरोना वैक्सीन में सुअर की चर्बी मिलाई गई है। सुअर मुस्लिम समाज में हराम माना जाता है। इस वायरल मैसेज के चलते मुस्लिम समुदाय में इस वैक्सीन के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। मुंबई के 9 मुस्लिम संगठनों के लोगों ने दक्षिण मुंबई के 2 टाकी इलाके में स्थित बिलाल मस्जिद में कोरोना वैक्सिन के मुद्दे पर बैठक की। इस मीटिंग में वैक्सीन में सुअर की चरबी इस्तेमाल करने की सोशल मीडिया में खबरों पर चर्चा की गई। मीटिंग में सौ डेढ़ सौ लोग शामिल थे। इस मीटिंग में मुफ्ती, मौलाना ,मस्जिदों के इमामों ने हिस्सा लिया।
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