नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है और दुनिया के कई देश और कंपनियां इस वायरस की दवाई ढूंढने में भी लगे हुए हैं। भारत में भी कोरोना वायरस की दवा वैक्सीन बनाए के लिए काम हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि भारत कबतक कोरोना वायरस की वैक्सीन बना सकता है। इंडिया टीवी ने जब यह सवाल प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन से पूछा तो उन्होंने इसका जवाब दिया।
विजय राघवन ने बताया कि साधारण तौर पर कोई भी वैक्सीन बनाने के लिए 10-15 साल और 20-30 करोड़ ड़ॉलर लगते हैं। कोरोना वायरस को देखते हुए दुनिया 10 साल के काम को एक साल में पूरा करने की कोशिश में है और इसके लिए ज्यादा रिसोर्स और पैसा चाहिए जिसे मुहैया कराया भी जा रहा है। विजय राघवन ने बताया कि दुनियाभर में 100 से ऊपर वैक्सीन पर काम हो रहा है और भारत में 30 से ज्यादा वैक्सीन पर काम किया जा रहा है।
इंडिया टीवी ने विजय राघवन से जब पूछा कि कितनी जल्दी भारत वैक्सीन बना सकता है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी वैज्ञानिक इस सवाल का हां या न में जवाब नहीं देगा, लेकिन वैक्सीन का परीक्षण अगर सही तरीके से चल रहा हो, जैसा की अभी चल रहा है और उसके परिणाम अच्छे आने लगें जैसा कि अभी आ रहे हैं तो बाजार में वैक्सीन को आने में 8 महीने का समय लग सकता है।
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