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Hindi News भारत राष्ट्रीय PIB Fact Check: क्या PM मोदी ने किया कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने का ऐलान?

PIB Fact Check: क्या PM मोदी ने किया कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने का ऐलान?

सरकार के ट्विटर हैंडल PIB Fact Check की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि एक फर्जी तस्वीर में पीएम मोदी के हवाले से कोरोना की तीसरी लहर शुरु होने व लॉकडाउन लगाने का दावा किया गया है। पीएम द्वारा ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है। 

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नई दिल्ली. कोरोना काल की दूसरी लहर ने भारत में जमकर तांडव मचाया। दूसरी लहर अब मंद पड़ चुकी है लेकिन सरकार और विभिन्न एजेंसियां कोविड की तीसरी लहर से बचने के लिए लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने सलाह दे रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद कोरोना के खिलाफ सोशल डिस्टिंग और तमाम प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दे चुके हैं।

इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ऐसी वायरल हो रही है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर लगा उनके हवाले से कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने और लॉकडाउन लगाने का दावा किया गया है। हालांकि सरकार ने इस तस्वीर को भ्रामक बताया है।

सरकार के ट्विटर हैंडल PIB Fact Check की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि एक फर्जी तस्वीर में पीएम मोदी के हवाले से कोरोना की तीसरी लहर शुरु होने व लॉकडाउन लगाने का दावा किया गया है। पीएम द्वारा ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है। कृपया ऐसे भ्रामक संदेशों को साझा न करें। कोरोना से बचाव के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार अवश्य अपनाएं।

'कोविड से मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं'
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को निर्देश दिया कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को दी जाने वाली आर्थिक मदद के न्यूनतम मानदंड के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की विशेष पीठ ने कहा कि अदालत आर्थिक मदद की एक निश्चित राशि तय करने का निर्देश केंद्र को नहीं दे सकती लेकिन सरकार कोविड-19 से मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की राशि का न्यूनतम मानदंड, हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्धारित कर सकती है।

पीठ ने कहा कि सरकार देश में उपलब्ध संसाधनों तथा धन को ध्यान में रखते हुए एक उचित राशि तय कर सकती है। शीर्ष अदालत ने केंद्र और एनडीएमए को निर्देश दिया कि कोविड-19 से मरे लोगों के परिजन को दी जाने वाली राहत के न्यूनतम मानदंड के लिए छह सप्ताह के अंदर दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। न्यायालय ने कोविड-19 से मौत होने की स्थिति में मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया। न्यायालय ने केंद्र से कहा कि शवदाहगृह कर्मियों के लिए वित्त आयोग के प्रस्ताव के अनुरूप बीमा योजना बनाने पर विचार किया जाए। 

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