नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान भारत में स्वास्थ्य से जुड़े ढांचे को तेजी से खड़ा किया गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना काल से पहले भारत में कोरोना की टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब हुआ करती थी और मौजूदा समय में लगभग 1700 लैब हैँ। दुनियाभर में भारत कोरोना वायरस की टेस्टिंग को लेकर तेजी से ऊपर उठा है और अमेरिका के बाद भारत में ही कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा टेस्ट हुए हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक देश में अबतक यानि 23 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 6,74,36,031 टेस्ट हो चुके हैं। यह आंकड़ा लगभग देश की 5 प्रतिशत आबादी के बराबर है। रोजाना भारत में 10 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। बुधवार को भी देशभर में कुल 11,56,569 कोरोना टेस्ट हुए हैं। कोरोना टेस्टिंग के मामले में भारत के आगे सिर्फ अमेरिका है जहां पर अबतक 10 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं।
कोरोना वायरस के मामलों में भारत भले ही दुनियाभर में दूसरे स्थान पर हो लेकिन कोरोना टेस्टिंग के बाद पॉजिटिव पाए जाने वाले मामलों की दर देखें तो दुनिया के अधिकतर देशों के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर है। अबतक हुई कुल कोरोना टेस्टिंग के बाद भारत में 8.50 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं जबकि दुनिया के कई देशों में यह दर 10 प्रतिशत से ऊपर है। हालांकि इस मामले में रूस भारत से बेहतर स्थिति में है।
भारत में अबतक कोरोना वायरस के 57.32 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि इनमें 46.74 लाख से ज्यादा मामले ऐसे हैं जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। लेकिन कोरोना की वजह से अबतक भारत में 91149 लोगों की जान जा चुकी है और अभी भी देश में 9.66 लाख एक्टिव कोरोना केस हैं। देश में कोरोना से रिकवरी की दर 81.55 प्रतिशत है।
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