पटना: बिहार सरकार ने सिवान जिला के सिविल सर्जन डॉ अशेष कुमार को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जिला के सभी प्रखंडों में झोला छाप चिकित्सकों को चिन्हित करते हुए उनसे इलाज के वास्ते सहमति पत्र प्राप्त कर प्रशिक्षण देने के संबंध में आदेश निर्गत करने पर निलंबित कर दिया है।
विभाग द्वारा इस संबंध में बुधवार को जारी एक आदेश के अनुसार, डॉ अशेष द्वारा इस आदेश के निर्गमन के पूर्व न तो विभाग से अनुमति ली गई और न ही विभाग को इसकी सूचना दी गई।
डॉ अशेष ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सिवान जिला के सभी प्रखंडों में झोला छाप चिकित्सकों को चिन्हित करते हुए उनसे इलाज के वास्ते सहमति पत्र प्राप्त कर प्रशिक्षण देने के संबंध में जिलान्तर्गत सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में संचालित निजी अस्पताल एवं झोला छाप चिकित्सकों की सूची मांगी थी।
आदेश के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस आशय का पत्र सिवान सिविल सर्जन के स्तर से निर्गत करने से कोविड-19 संकमण से रोक-थाम के लिए विभाग एवं राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सभी प्रयास कमजोर हुए प्रतीत होते हैं।
इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने से विभाग को आलोचना झेलनी पड़ी है। उसमें कहा गया है, ‘‘डॉ अशेष के इस कृत्य से पूरे देश में बिहार स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल हुई है। साथ ही उन्होंने जो किया वह चिकित्सीय नवाचार के सर्वथा विरूद्ध एवं अनुचित है।’’
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