Coronavirus: दिल्ली-एनसीआर में सील किये गए इलाकों के निवासियों झेलनी पड़ीं कई दिक्कतें
दिल्ली-एनसीआर में उन इलाकों के निवासियों को बृहस्पतिवार को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद पूरी तरह सील कर दिया गया है।
नोएडा/नयी दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में उन इलाकों के निवासियों को बृहस्पतिवार को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद पूरी तरह सील कर दिया गया है। लोगों की शिकायत है कि दूधिया नहीं आ रहा है, जलापूर्ति ठप है और वे पालतू पशुओं को सैर पर भी नहीं ले जा पा रहे हैं। बुधवार को सीलिंग की घोषणा होने के बाद से ही इन इलाकों में अफरा-तफरी है। लोग अभी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें किसी भी हालत में अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल मिलाकर लगभग 34 आवासीय कॉलोनियों को सील किया गया है जबकि दिल्ली में कोविड-19 के 20 हॉटस्पॉट (वे स्थान जहां संक्रमितों की संख्या अधिक है) सील किये गए हैं। इन इलाकों के निवासियों का कहना है कि वे अगले सप्ताह लॉकडाउन में ढील को लेकर उत्सुक थे लेकिन वे तब हैरान रह गये जब उन्हें पता चला कि उनके इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
नोएडा का सेक्टर 41 गौतमबुद्ध नगर के 22 हॉटस्पॉट में से एक है। 10 हजार की आबादी वाले इस सेक्टर के विभिन्न ब्लॉक में लगभग 1,500 मकान हैं। गौतमबुद्ध नगर में बुधवार की घोषणा के बाद अफरा-तफरी मच गई और लोग जरूरी सामान जमा करने के लिये किराने की दुकानों का रुख करने लगे। दस लीटर दूध खरीदने वाली एक महिला ने कहा कि अनिश्चितता के इस समय में कोई भी अपने घरों में जरूरी सामान जमा करना चाहेगा। नोएडा सेक्टर-41 में किराये पर रहने वाले कई कुंवारे लोग भी रहते हैं। उनमें से कई लोगों के लिये 'मैगी' एक सहारा बन गई है। ऐसे ही एक व्यक्ति समीर ने कहा, ''यह वह चीज है जिसे हमने लॉकडाउन की घोषणा होते ही सबसे पहले खरीद लिया था लेकिन अब इसका स्टॉक खत्म हो गया है।''
कई लोग अपने पालतू जानवरों को भी सैर कराने नहीं ले जा पा रहे। राजेश के पास एक पालतू कुत्ता है। उनका कहना है कि उनका कुत्ता सुबह से बेचैन है। उन्होंने कहा, ''ज्यादा से ज्यादा मैं उसे बालकनी तक ले जाता हूं, लेकिन यह काफी नहीं है।'' वहीं नोएडा की गौड़ सिटी-2 में पाम ओलंपिया हाउसिंग सोसाइटी को भी सील कर दिया गया है। यहां भी लोगों को पाबंदियों के पहले दिन कुछ दिक्कतों को सामना करना पड़ा। सोसाइटी के एक निवासी प्रणव मिश्रा ने कहा, ''बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे हमारे दूधिया का फोन आया कि उसे सोसाइटी में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा, लिहाजा हम दूध लेने के लिये उसके पास सोसाइटी से 500 मीटर दूर आ जाएं। उस समय ऐसा करना संभव नहीं था।'' इससे पहले बृहस्पतिवार को ही एक अन्य निवासी ने बताया कि वे दूध खरीदने के लिये कतार में खड़े थे कि लोगों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।
वहीं दिल्ली के मयूर विहार एक्स्टेंशन के वर्धमान अपार्टमेंट में भी इसी तरह की अफरा-तफरी दिखी, जिसे सील कर दिया गया है। वर्धमान अपार्टमेंट से कुछ ही ब्लॉक दूर परवाना अपार्टमेंट में एक निवासी ने बताया कि इलाके के लोग काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ''मेरा 12 साल का बच्चा टीवी देखते-देखते थक गया है। मैंने उसका ध्यान अपने साथ किचन में लगाने की कोशिश की है और हम तरह तरह के पकवान बना रहे हैं। वह थोड़ी दिलचस्पी ले रहा है और मेरी मदद भी कर रहा है।
वहीं, दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर-1 के एच ब्लॉक में वायरस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आने के बाद नजदीकी कृष्णा मार्केट में सभी दुकानें बंद कराकर पूरे इलाके को संक्रमण मुक्त किया गया। इस दौरान एक दुकानदार ने बताया, ''अधिकारियों ने हमें दुकानें बंद करने के लिये कहा। पूरे इलाके को संक्रमणमुक्त किया गया। हम बाद में जरूरी सामान बेचने के लिये अपनी दुकानें खोल सकते हैं।'' हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि लाजपत नगर को सील नहीं किया गया है।