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'कोरोना से बचने का नंबर बन फॉर्म्यूला है बचाव, double masking जरूरी'

न्यूयॉर्क से जुड़े डॉक्टर धीरज कौल ने कहा कि कोरोना से बचने का नंबर 1 फॉर्म्यूला है बचाव। बचाव का तरीका है कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना  और डबल मास्किंग का ध्यान रखना।

Coronavirus prevention is best formula double masking important 'कोरोना से बचने का नंबर बन फॉर्म्यूल- India TV Hindi Image Source : INDIA TV 'कोरोना से बचने का नंबर बन फॉर्म्यूला है बचाव, double masking जरूरी'

नई दिल्ली. पूरी भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचाया हुआ हा। कोरोना संक्रमण के कारण भारतवासी परेशान है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है। हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे हालातों में इंडिया टीवी ने लोगों के सवालों और उनके मन में उठने वाले संशय को दूर करने के लिए स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन किया है। जिसमें देश और दुनिया के नामी डॉक्टर शिरकत कर रहे हैं। न्यूयॉर्क से जुड़े डॉक्टर धीरज कौल ने कहा कि कोरोना से बचने का नंबर 1 फॉर्म्यूला है बचाव। बचाव का तरीका है कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना  और डबल मास्किंग का ध्यान रखना।

डॉक्टर धीरज कौल ने कहा कि कहा double masking अब इसलिए जरूरी है क्योंकि अब रेयर स्ट्रेन भारत में बहुत बढ़ चुका हैं। ये स्ट्रेन बहुत तेजी से फैल रहा है। हवा में वायरस तैर सकता हैं। भारत में वैक्सीनेशन का रेट बड़ा इशू है। वैक्सीनेशन आपको मृत्यु और बड़ी बीमारी से बचाएगा। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग एक जरूरी चीज है, जिससे कोविड से लड़ा जा सकता है। वायरस क्लस्टर के अंदर फैल रहा है, नया स्ट्रेन पूरे परिवार को बीमार कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को लक्षण होने पर RT-PCR टेस्ट जरूर करना जरूर करना चाहिए। निगेटिव आने पर 24 से 48 घंटे बाद टेस्ट को रिपिट करिए। 

कार्यक्रम में शंघाई से शिरकत कर रहे डॉ. संजीव चौबे ने बताया कि यूरोपीय देशों में भी कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। लैंसेट की नई स्टडी के मुताबिक, ये वायरस हवा में है। कुछ लोगों का मानना है कि ड्रॉपलेट हैं लेकिन अगर ये हवा में है ये बहुत घातक है। ये बड़ी समस्या है। भारत के हालातों पर उन्होंने कहा कि दिसंबर के बाद मामले कम होने पर हम लोग रिलैक्स हो गए लेकिन दोबारा ये फिर से अपना वैरिएंट चेंज करके आ रहा है। लोगों की भीड़ वाले किसी भी कार्यक्रम को बंद करना चाहिए। जो भी आदमी भीड़ में गया है उसका चेकअप किया जाना चाहिए।

अमेरिका से कार्यक्रम में शिरकत कर रहे डॉ. रवि गोडसे ने कहा कि भारत में कतारें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि हम ऐसे लोगों की टेस्टिंग कर रहे हैं जिनकी कोई जरूरत नहीं है। ये जो टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आसोलेटिंग हम कर रहे हैं ये पागलपंती है। पागलपन की परिभाषा ये है कि हम वही खराब उपाय दो बार दोहराएं और नए नतीजों की अपेक्षा करेंगे। जर्मनी ने कितनी ट्रेसिंग हैं, मास्क है, आइसोलेशन है, फिर भी वहीं तीसरी लहर आई। उन्होंने कहा कि दूसरी बात ये है कि भारत के लोग तो सही तरीके से मास्क पहनते नहीं है तो फिर दिसंबर में कोरोना क्यों चला गया था। उन्होंने कहा कि लोग मास्क नहीं पहन रहे ये सिर्फ कोरोना फैलने की एकमात्र वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि गलती हम लोग ये कर रहे हैं कि जिनमें लक्षण नहीं है उनकी भी टेस्टिंग कर रहे हैं। उनकी टेस्टिंग जरूरी नहीं है।

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