नयी दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में कोरोना के मामलों में एकबार फिर से तेजी देखी जा रही है। वहीं, देश के कई हिस्सों में कोविड-उपयुक्त व्यवहार का घोर उल्लंघन देखा जा रहा है जो इसे काबू में करने के लिए अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकता है। देश में महामारी की स्थिति पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लोग तीसरी लहर के बारे में मौसम का अलर्ट के रूप में बात करते हैं, लेकिन यह समझने में विफल रहते हैं कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन या इसकी कमी ही भविष्य की लहरों को रोकेगी या पैदा करेगी।
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि विश्व स्तर पर, कोविड-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है और लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया जाता है कि यह भारत में न हो। अग्रवाल ने कहा कि जुलाई में अब तक दर्ज किए गए कोविड-19 के नए मामलों में से लगभग 73.4 प्रतिशत केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से थे।
उन्होंने कहा कि देश के 55 जिलों में 13 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए कोविड-19 संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रबंधन में मदद करने के लिए महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, ओडिशा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा में केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारत में एक दिन में संक्रमण से मौत के 2,020 मामले सामने आए और मृतक संख्या बढ़कर 4,10,784 हो गई। वहीं, देश में 31,443 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,09,05,819 हो गई।
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