नयी दिल्ली: इटली के रोम में एक विश्वविद्यालय, मुंबई के जैव प्रौद्योगिकी के तीन छात्रों और एक प्रोफेसर द्वारा तैयार एक उपकरण का परीक्षण कर रहा है। छात्रों और प्रोफेसर का दावा है कि इस उपकरण के जरिये स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर कोविड-19 के रोगियों का पता लगाया जा सकता है। रोम में स्थित तोर वेरगाटा विश्वविद्यालय इस उपकरण का परीक्षण कर रहा है। लगभग 300 लोगों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है, जिसके 98 प्रतिशत नतीजे सटीक आए हैं।
मुंबई के डी वाई पाटिल जैव प्रौद्योगिकी एवं जैव सूचना विज्ञान संस्थान की टीम के अनुसार ऐप के जरिये काम करने वाला यह उपकरण किसी व्यक्ति की आवाज के आधार पर रोग का पता लगाता है। इसे तैयार करने वाली टीम में जैव सूचना विज्ञान की छात्रा रश्मि चक्रवर्ती, प्रियंका चौहान और प्रिया गर्ग शामिल हैं।
इस परियोजना की निगरानी करने वाले प्रोफेसर संतोष बोथे ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''एक ओर जहां कई विदेशी विश्वविद्यालय कोविड-19 की जांच के लिये ध्वनि आधारित उपकरण तैयार करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर यह भारतीय उपकरण पूरी तरह काम कर रहा है। फिलहाल रोम के विश्वविद्यालय में कोविड-19 के रोगियों का पता लगाने में इसका इस्तेमाल हो रहा है, जिसके 98 प्रतिशत नतीजे सटीक आए हैं।
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