नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद सोमवार को निजामुद्दीन में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्राधिकारियों की अनुमति के बिना एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें करीब 300-400 लोग शामिल हुए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और उनकी जांच की जा रही है।’’ इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी। साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार से 21 दिन के लिए लोगों के आवागमन पर देशव्यापी रोक लगायी गई थी। पुलिस किसी भी उल्लंघन की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है।
अरविंद केजरीवाल ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन में तबलिग ए जमात बैठक के आयोजन के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इस बैठक में लगभग 300-400 लोगों ने एक धार्मिक सभा में भाग लिया था जिसके बाद 163 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना है, उन्हें लोक नायक अस्पताल भर्ती कराया गया है। दिल्ली सरकार ने इस मामले पर कहा कि हमारी जानकारी में आया है कि निजामुद्दीन मरकज में प्रशासकों ने कोरोना वायरस लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन किया जिसके बाद अब कई सकारात्मक मामले पाए गए हैं। सरकार ने कहा कि इस प्रतिष्ठान के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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