नई दिल्ली: इंडिया टीवी पर मुख्यमंत्री सम्मेलन में बसों के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में कांग्रेस की ओर से की जा रही नकारात्मक और कुटिल राजनीति की निंदा होनी चाहिए। उन्होंने कह दिया कि सरकार अनुमति देगी, यदि कोई दल श्रमिक और बसों की सूची दे। ऐसे में कांग्रेस के सेवाभाव का इम्तिहान है। वह सूची देकर सेवा करती है या तर्क का नया रास्ता पकड़ती है।
इस दौरान उन्होंने कहा, "मैं पिछले 3 दिनों से 1000 बसों की लिस्ट का इंतजार कर रहा हूं जो आजतक नहीं मिली। मैं कांग्रेस नेताओं से कहना चाहूंगा कि इस महामारी के समय इस तरह की ओछी राजनीति न करें, प्रवासी श्रमिकों के साथ संवेदना और सहानुभूति की जरूरत है। अगर राज्य सरकारें हमें प्रवासी श्रमिकों की लिस्ट देंगे तो निश्चित तौर पर हम अनुमति देंगे।
योगी ने कहा कि श्रमिकों की समस्या उन राज्यों से खड़ी हुई जहां उन्हें सम्मान और खाना नहीं मिला। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के औरेया में जो ट्रक दुर्घटना हुई, उसमें एक ट्रक राजस्थान से और दूसरा ट्रक पंजाब से आया था और उनमें बैठे श्रमिकों को झारखंड लेकर जाया जा रहा था। इन श्रमिकों से भारी पैसा लिया गया था, तब क्या कर रहे थे ये लोग, यानि शोषण भी करेंगे और इमानदारी का चेहरा भी दिखाएंगे। 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। यह कहावत आज कांग्रेस की हो चुकी है।"
जब उनसे प्रियंका गांधी द्वारा राशन देकर मजदूरों को राहत देने का दावा और सोनिया गांधी द्वारा सारे टिकट का खर्च उठाने के मुद्दे पर सवाला किया गया तब उन्होंने कहा, "कांग्रेस ये नहीं बोल सकती है कि उन्होंने इतने लोगों को दिया है। हम लोगों ने पिछले 3 चरण के लॉकडाउ में पांचवीं बार 18 करोड़ लोगों को खाद्यान्न उपल्बध कराने का काम कर रहे हैं, 12-15 लाख लोगों को रोजाना भोजन कराया जा रहा है। इसमें कहीं कांग्रेस नहीं दिखी, लेकिन भाजपा, आरएसएस और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता दिखाई दिए।"
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