केरल में कोरोना वायरस के 19,661 नये मामले सामने आये, निशुल्क टीकों के लिए विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव
केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19,661 नये मामले सामने आये, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25,35,975 हो गयी है। इसके साथ ही प्रदेश में 213 लोगों की मौत हो गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 9,222 पर पहुंच गयी।
तिरूवनंतपुरम: केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19,661 नये मामले सामने आये, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25,35,975 हो गयी है। इसके साथ ही प्रदेश में 213 लोगों की मौत हो गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 9,222 पर पहुंच गयी। सरकार की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गयी है। बयान में कहा गया है कि 29,708 लोग संक्रमण मुक्त हुये हैं जिसके बाद अब तक स्वस्थ हुए लोगों की कुल संख्या 23,64,210 हो गई। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,92,165 हो गयी है।
वहीं केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार से सभी राज्यों को कोविड-19 के टीके निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की। राज्य में कोविड रोधी टीके की भारी कमी के बीच स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री वीणा जॉर्ज ने सदन में यह प्रस्ताव पेश किया। इस बीच, राज्य में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को लेकर विधानसभा में सत्ताधारी और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी बहस भी हुई। वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के नेतृत्व वाली 15वीं विधानसभा के पहले सत्र में सर्वसम्मति से पारित किया गया यह दूसरा प्रस्ताव है। पहला प्रस्ताव लक्षद्वीप के प्रशासक को वापस बुलाने से संबंधित था।
इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से टीकों के समय पर वितरण का भी अनुरोध किया गया। जॉर्ज ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए, हमें समाज के सभी वर्गों को निशुल्क टीके उपलब्ध कराने होंगे ताकि इस जानलेवा वायरस से उन सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।’’ उन्होंने कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि महामारी की पहली लहर ने अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया था और अब हम दूसरी भयावह लहर का सामना कर रहे हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए सभी लोगों को निशुल्क टीके उपलब्ध कराना राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है, लेकिन केन्द्र सरकार ने इसके खिलाफ कई कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘यदि हम टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएं तो इससे अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी। इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में सभी एकजुट होना चाहिए और सार्वभौमिक टीकाकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’ अपने राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे के सदस्यों ने मामूली बदलावों का सुझाव देने के बाद सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
विधानसभा में कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सरकार पर कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया, जिसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी बहस भी हुई। विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि कोविड-19 के कारण मरने वाले मरीजों की गिनती करने में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है। सतीशन ने कहा कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद उससे संबंधित जटिलताओं के कारण जिन लोगों की मौत हो रही है, उसकी गिनती नहीं की जा रही है।
ये भी पढ़ें
- तीन सौ से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार करने वाला व्यक्ति कोरोना से जंग हारा
- कोरोना ने बरपाया कहर, अब तक जान गंवा चुके हैं 740 से ज्यादा डॉक्टर्स
- कोरोना मरीज के जाने के बाद 2 से 3 घंटे बाद तक भी हवा में रहता है वायरस, तीन सेंट्रल लैब ने चेताया
- सिलेब्रिटी, नेता कैसे खरीद रहे कोविड-19 रोधी दवाएं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा