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Hindi News भारत राष्ट्रीय राजस्थान में Coronavirus का Hotspot बना जयपुर, जानिए शहर में कैसे फैली ये बीमारी

राजस्थान में Coronavirus का Hotspot बना जयपुर, जानिए शहर में कैसे फैली ये बीमारी

29 फरवर को इटली का एक ग्रुप जयपुर पहुंचा। तब प्रदेश में कोरोना का पहला मामला सामने आया। इसके बाद 26 मार्च तक कोरोना वायरस के कुल 9 मामले सामने आए, जिनमें ज्यादातर इटली से आए हुए लोग थे। लेकिन 13 मार्च को ओमान से लौटे एक शख्स की गलती ने जयपुर में तहलका मचा दिया।

Jaipur- India TV Hindi Image Source : PTI Representational Image

जयपुर. पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर है। राजस्थान से भी कोरोना वायरस के 800 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इन आठ सौ में से आधे से ज्यादा मामले अकेले जयपुर शहर से हैं। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि जयपुर इस समय राजस्थान में कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बना हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे कुछ लोगों की गलती ने जयपुर में कोरोना फैल गया। 

29 फरवर को इटली का एक ग्रुप जयपुर पहुंचा। तब प्रदेश में कोरोना का पहला मामला सामने आया। इसके बाद 26 मार्च तक कोरोना वायरस के कुल 9 मामले सामने आए, जिनमें ज्यादातर इटली से आए हुए लोग थे। लेकिन 13 मार्च को ओमान से लौटे एक शख्स की गलती ने जयपुर में तहलका मचा दिया। कहा जा रहा है कि यही शख्स जयपुर का सुपर स्प्रेडर नंबर 1 है और जयपुर में फैली त्रासदी के लिए सिर्फ यहीं जिम्मेदार है।

45 साल का यह व्यक्ति 12 मार्च को ओमान से दिल्ली लौटा था, तब इसके कोरोना के कोई लक्ष्ण नहीं दिखाई दिए थे, जिसक कारण इसे जाने दिया था। इस शख्स ने पैरासीटामॉल खाई थी, इस बात की जानकारी इसने दी थी। 12 मार्च की शाम को ही ये व्यक्ति राजस्थान रोडवेज की बस से जयपुर के लिए निकला और 13 मार्च को जयपुर पहुंचा। चूंकि बाहर से आए हुये लोगों की सबसे पहले सीएचसी में जांच होती है इसलिये उसकी जांच की गयी, लेकिन उसकी जो सीएचसी में जांच की गयी उसमे कोई भी बीमारी न होना बताया गया। और दोबारा जब स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी जानकारी मिली तो वह उसके घर पहुंचे और उसे 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहने की (एकांतवास) में रहने की हिदायत दी।

हालांकि शख्स ने इस हिदायत को अनसुना कर दिया। वह अपने रिश्तेदारों, परिजनों और दोस्तों से मिलता रहा। 26 मार्च को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब तक वह 200 लोगों से मिल चुका था। 24 घंटे बाद उसके दोस्त की  रिपोर्ट भी पॉजिटिव निकली। इसके बाद मामले बढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह थमा नहीं। आज जयपुर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 420 हो गयी है। 

रामगंज में जांच के बाद जो कोरोना का ग्राफ बढ़ा, उसमे पता चला कि जिस वक्त ओमान से लौटे व्यक्ति को क्वारेंटाइन में रहने के लिए कहा गया उस वक्त वो अपने मित्र के साथ लोगों के यहां दावत उड़ा रहा था। 15 मार्च से 23 मार्च मे दोनों ने अपने मोहल्ले के कई लोगों के घरों में दावत की।

जानकारों के मुताबिक ओमान से आए शख्स के बाद तीसरा शख्स जो पॉजिटिव हुआ वो इसके साथ रहमानिया मस्जिद मे नमाज पढ़ने जाता था। एक हफ्ते तक लगातार वो मस्जिद गया, और उसे फिर अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।  जिसके बाद दूसरे और तीसरे शख्स को पुलिस व डाक्टरों की टीम ने क्वारेंटाइन किया क्योंकि सैम्पल मे रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गयी थी।

27 मार्च से अप्रैल की शुरुआत मे आंकड़ा 100 तक पहुंच गया था क्योंकि ओमान से लौटे शख्स उसके परिवार और तीनों दोस्तों ने सैंकड़ो लोगों से मुलाकात की। इसी बीच दिल्ली के मरकज से तब्लीगी जमातियों के आने का मामला जैसे ही आया तो जयपुर मे कोरोना पॉजिटिव लोगों की बाढ़ सी आ गई। दिल्ली के मरकज के बाद रामगंज के रहमानिया मस्जिद से ही सबसे पहले तब्लीगी जमात के 5 लोग मिले। क़रीब 3 किलोमीटर के इस एरिया में 5 अप्रैल तक 36 पॉज़िटिव मामलों की पुष्टि हो चुकी थी, जिसके बाद तब्लीगी जमातियों के आने से अकेले रामगंज इलाके में 80 से ज्यादा मामले सामने आए।

एक डाक्टर के मुताबिक रामगंज के नूरानी मस्जिद से 14, भट्टा बस्ती मस्जिद से 9, रागढ़ मोड़ मस्जिद से 12, चार दरवाजा मस्जिद से 15, रहमानिया मस्जिद से 10, बिलातियों की मस्जिद से 10 तब्लीगी जमात के लोगों को निकाला। राजस्थान में 1 अप्रैल से तब्लीगी जमातियों का मिलना शुरू हुआ। 1 अप्रैल को 11 लोग तब्लीगी जमात के मिले, 2 अप्रैल को 30, 3 अप्रैल को 25, 4 अप्रैल को 45, 5 अप्रैल को 37 तब्लीगी जमात के लोग मिले। इनमें से अधिकांश जमाती जयपुर के रामगंज, चुरू व टोंक में मिले। 

सरकार का कहना है कि यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि तबलीगी जमात के कुछ लोग रामगंज के बाहरी इलाकों में भी रुके हुए थे। वहां भी कोरोना वायरस के मामले सामने आने शुरू हो गए हैं. हालांकि एहतियातन सरकार ने रामगंज के बाहरी इलाकों में भी एक किलोमीटर तक कर्फ्यू लगा दिया है। इतना ही नहीं सरकार ने इस संक्रमण का फैलने का सबसे बड़ा कारण टास्क फोर्स द्वारा रिपोर्ट में तब्लीगी और ओमान से आये हुए शख्स को ही माना है।

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