नई दिल्ली: देश मे लगातार पैर पसार रहे कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में मौजूदा स्थिति, विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों के साथ-साथ तबलीगी जमात के लोगों के विभिन्न राज्यों में जाने से उत्पन्न खतरे पर भी चर्चा हुई। लॉकडाउन के बाद देश के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली बैठक थी। 22 मार्च को लगाए गए जनता कर्फ्यू से दो दिन पहले 20 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी।
उस समय उन्होंने कोरोना के वैश्विक खतरे के प्रति मुख्यमंत्रियों को आगाह करते हुए पूरे देश को एकजुट होकर इसका सामना करने की जरूरत पर जोर दिया था। 24 मार्च को पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के बाद से राज्यों को प्रवासी मजदूरों से लेकर कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा है। हालांकि, कैबिनेट सचिव और गृह सचिव लगातार राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बातचीत कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं।
कोरोना के खिलाफ राजनीतिक नेतृत्व की एकजुटता ज्यादा जरूरी है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की आज की बैठक अहम मानी जा रही थी। इस बीच बुधबार रात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 घंटों में देशभर में 240 नए मामलों के साथ कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या बढ़कर 1,637 पहुंच गई है, जबकि 133 लोग उपचार के बाद महामारी से पूर्ण रूप से ठीक हो गए हैं। इनमें से अधिकतर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, एक मरीज को दूसरी जगह भेजा गया है। कुल 49 विदेशी भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। महामारी ने 39 लोगों की जान ले ली है।
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