नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए तबलीगी जमात के तीन सदस्यों ने दिल्ली से सोलन जिल के नालागढ़ पहुंचने के लिए 18 मार्च को दो बसों में यात्रा की थी। बद्दी के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने बताया कि वे एचपी 93 0564 (दिल्ली-नालागढ़) और एचपी 12 0446 (दिल्ली-हमीरपुर वाया बद्दी-नालागढ़-बिलासपुर) बसों में नालागढ़ आए थे। एसपी ने इस बस में यात्रा करने वाले यात्रियों से सामने आने और अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की जांच कराने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली-नालागढ़ बस 18 मार्च को दिल्ली से सुबह साढ़े सात बजे चली थी और शाम चार बजे नालागढ़ पहुंची थी। उत्तर प्रदेश के तीन जमाती नालागढ़ की एक मस्जिद में छिपे थे। पहचान होने के बाद उन्हें पृथक रखा गया था। कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद उन्हें रविवार को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
इस बीच ऊना जिले में कोविड-19 की जांच में संक्रमित नहीं मिलने के बावजूद संक्रमण के संदेह में ग्रामीणों द्वारा किए गए कथित सामाजिक बहिष्कार से आहत होकर एक युवक ने रविवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। एक अधिकारी ने कहा कि ऊना के बानगढ़ गांव निवासी मोहम्मद दिलशाद (37) को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमित नहीं मिलने पर शनिवार को उसके गांव छोड़ गए थे। इसके एक दिन बाद ही उसने अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर दी।
उसे कुछ दिन पहले पृथकवास केंद्र ले जाया गया था जहां की गई जांच में उसमें संक्रमण नहीं पाया गया। ऊना सदर के थाना प्रभारी दर्शन सिंह ने कहा कि दिलशाल हाल में नयी दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे तबलीगी जमात के एक सदस्य के संपर्क में था। थाना प्रभारी ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या ग्रामीणों ने उससे भेदभाव किया अथवा उसका सामाजिक बहिष्कार किया गया?
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