फरीदाबाद में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की दस्तक, 25 वर्षीय युवक में मिला संक्रमण, अलर्ट जारी
दिल्ली से सटे फरीदाबाद के एक आईटी पेशेवर (25 वर्षीय) युवक में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ है। मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली की है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए स्वरूप 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद के एक आईटी पेशेवर (25 वर्षीय) युवक में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ है। मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली की है। वह बल्लभगढ़ के शहरी क्षेत्र का निवासी है और दिल्ली में जॉब के सिलसिले में आना-जाना करता है। राहत की बात ये है कि मरीज के घर में साथ रह रहे माता-पिता सहित पांचों सदस्य संक्रमण की जद में नहीं आए हैं।
प्रदेश समेत दिल्ली-एनसीआर में अलर्ट
फरीदाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रणदीप सिंह पुनिया ने बताया कि जिस शख्स में संक्रमण की पुष्टि हुई है वह दिल्ली में नौकरी करता है और डेढ़ महीने पहले उसके नमूने जीनोम जांच के लिए भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को आई। युवक के परिवार के सभी सदस्य भी स्वस्थ हैं। विभाग का दावा है कि अब तक के सबसे खतरनाक स्वरूप का यह पहला मामला पूरे हरियाणा में केवल फरीदाबाद में मिला है। ऐसे में फिर से डिटेल एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट की जानकारी निदेशालय सहित केंद्र तक भेजी जाएगी। वहीं प्रदेश में अलर्ट जारी हो गया है। बता दें कि, कोविड-19 के अब तक करीब कई तरह के वैरिएंट मिल चुके हैं। इसमें डेल्टा प्लस वैज्ञानिक नाम वी.1.617.2 सबसे घातक माना गया है। 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट का यह पहला मामला फरीदाबाद में मिला है, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर अलर्ट मोड पर है। दिल्ली में मामले पहले ही मिल रहे थे, एनसीआर का यह पहला मामला है।
परिवार का कोई सदस्य संक्रमित नहीं हुआ- सीएमओ
CMO पुनिया ने बताया कि युवक मई के पहले सप्ताह में दिल्ली में किसी परिचित के शादी समारोह में शामिल हुआ और उसके 3 दिन बाद संक्रमण के लक्षण दिखने लगे, उसे बुखार हुआ था। जांच के बाद उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। मरीज ने संक्रमण के खतरनाक स्वरूप को भी मात दे दी है, वह फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ है। परिवार का कोई सदस्य संक्रमित नहीं हुआ है। उसके संपर्क में ऑफिस व शादी में शामिल लोगों में भी अभी तक किसी तरह की अनहोनी या गंभीरता की सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंची है।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि उनके संपर्क में आए सभी लोगों की कोरोना जांच की जाएगी और उसकी जीनोम सिक्वेंसिंग करवाई जाएगी। सरकार ने पूरे इलाके में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिख जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।
केंद्र ने दिए सतर्क रहने के निर्देश
वहीं, महाराष्ट्र समेत देश कई राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद सरकार ने राज्यों को सतर्क किया है। कई राज्यों ने अपने यहां पाबंदियां भी बढ़ा दी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य को पत्र जारी करते हुए कहा कि कड़ाई से निर्देशों का पालन करना होगा और प्रभावी कदम उठाएं। भूषण ने नए वैरिएंट से प्रभावित आठ राज्यों को भी पत्र लिख भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के उपाय करने को कहा है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि जहां डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल कंटेनमेंट जोन बनाएं। पाबंदियों का पालन कराएं और संक्रमितों के नमूने तत्काल जीनोम जांच के लिए भेजें।
डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेल्टा प्लस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ यानी जिस पर चिंतित होने की जरूरत है, ऐसी श्रेणी में रखा है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हर माह प्रत्येक जिले में कुल संक्रमितों में से पांच फीसदी सैंपल को हॉल जिनोम स्किवेंसिंग के लिए भेजा जाता है। जिले में हर माह यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसमें री-इनफेक्शन यानी दोबारा संक्रमित होने वाले मामले, विदेश यात्रा की हिस्ट्री वाले मामलों के सैंपल शामिल किए जाते हैं।
जानिए कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में
डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना का नया घातक स्वरूप है। यह बहुत तेजी से फैलता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट संक्रमित के फेफड़ों की कोशिकाओं से बहुत मजबूती से चिपकता है। वहीं, इसमें शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस सीक्वेंस को लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं।
बताया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान लक्षणों से नहीं की जा सकती। लक्षण अब तक के कोविड वायरस जैसे ही हैं। इसमें मरीज को सर्दी-जुकाम, बुखार, सांस लेने में समस्या जैसी परेशानी ही होंगी। इसकी सबसे बड़ी पहचान सांस लेने की समस्या है। ऐसा इसलिए कि यह फेफड़ों पर सीधे आक्रमण करता है।