नई दिल्ली: कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के कारण दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।
तबलीग-ए-जमात में भाग लिए करीब 153 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने के बाद उन्हें एलएनजेपी में भर्ती कराया गया है। एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जे सी पासी ने कहा, ‘‘निजामुद्दीन इलाके से रविवार को एलएनजेपी अस्पताल में 85 लोग और सोमवार को 68 लोग लाए गए। यानी अस्पताल के पृथक वार्डों में निजामुद्दीन के 153 लोग भर्ती हैं और उनकी जांच की जा रही है।’’
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तब्लीगी जमात का नेतृत्व करने के लिए एक मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया है। इसमें शामिल हुए कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आये हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए आज पास की कॉलोनियों में घर-घर एक अभियान शुरू करेगी।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को निजामुद्दीन पश्चिम के एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। यहां पिछले महीने आयोजित तब्लीगी जमात में शामिल हुए कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आये हैं।
अधिकारियों ने कहा कि 2,000 से अधिक प्रतिनिधि एक से 15 मार्च तक निजामुद्दीन पश्चिम में आयोजित तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया से आये प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस आशंका के बाद दक्षिण दिल्ली के इलाके को वस्तुत: सील कर दिया गया कि हो सकता है कि कुछ लोग कोविड-19 से संक्रमित हो गए हों। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के अब तक 97 मामले सामने आए हैं।
Latest India News