नई दिल्ली। सरकार जल्द ही निजी अस्पतालों को भी कोरोना का टीका लगाने की अनुमति दे सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि जो लोग निजी अस्पतालों में वैक्सीन का टीका लगवाना चाहते हैं उन्हें अपनी जेब से टीके की कीमत चुकानी होगी। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि टीके की कीमत को लेकर 3-4 दिन में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से फैसला किया जाएगा और इस बारे में वैक्सीन निर्माता कंपनियों तथा निजी अस्पतालों के साथ बातचीत चल रही है। देशभर में कोरोना की वैक्सीन का टीकाकरण अभियान तेज गति से चला हुआ है लेकिन अभी सिर्फ सरकारी स्तर पर ही टीकाकरण हो रहा है और शुरुआत में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स तथा उम्रदराज लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
टीके की कीमत को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि निजी अस्पतालों में वैक्सीन का टीका लगवाने की कीमत ज्यादा नहीं होगी।
हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद अब बुजुर्गों के कोरोना वैक्सीनेशन पर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 1 मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। 1 मार्च से 45 साल से ज्यादा उम्र के को-मॉर्बिड लोगों का भी वैक्सीनेशन होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि सरकारी केंद्रों पर टीकाकरण मुफ्त में होगा। हालांकि निजी सेंटर्स/हॉस्पिटल्स में जाने पर वैक्सीन की कीमत चुकानी होगी। यह कीमत कितनी होगी, यह स्वास्थ्य मंत्रालय तय करके बताएगा। टीकाकरण के दूसरे चरण में 45 साल से ऊपर उम्र वाले वे लोग भी शामिल होंगे जिन्हें को-मॉर्बिडिटीज हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अब तक देश में टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 1 करोड़ 7 लाख 67 हजार लोगों का टीकाकरण हुआ है, जबकि 14 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना का वैक्सीन लेना चाहते हैं उन्हें पैसे चुकाने होंगे।
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