नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है, सरकार ने पहली अप्रैल से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी है जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है। अभी तक 45 वर्ष से ऊपर की आयु के ऐसे ही लोगों को वैक्सीन लगाने की अनुमति थी जो को-मॉर्बिड थे लेकिन अब वह शर्त हटा दी है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ है और इस फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन लगाने की शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी और शुरुआत में 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति थी, इसके बाद पहली मार्च से 45 वर्ष से ऊपर की आयु के उन लोगों को भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी गई थी जो को-मॉर्बिड यानि ऐसे गंभीर रोगों से ग्रसित थे जिनके मामले में कोरोना की वजह से ज्यादा खतरा हो सकता है।
16 जनवरी से देश में शुरू हुए टीकाकरण में अबतक देश की लगभग 4 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार अबतक देश में कुल 4.84 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है। देश में एक दिन के अंदर अधिकतम 30 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है, सोमवार को भी देश में 32.53 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, और अगर इसी रफ्तार से आगे टीकाकरण चलता है तो पूरे देश में जून 2022 तक सभी को टीका लगाया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि, "वैज्ञानिकों की सलाह के बाद तय किया गया है कि 45 वर्ष से ऊपर की आयु के सभी लोगों को अब वैक्सीन देना शुरू किया जाए। हमारी अपील है कि 45 वर्ष के ऊपर सभी लोग जितना जल्दी हो सके वैक्सीन लेना शुरू करें और सबसे पहले वैक्सिनेशन के लिए खुद को रजिस्टर कराएं।" उन्होंने यह भी बताया कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं और सप्लाई लाइन भरी हुई है।
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