Coronavirus: देश में अबतक सामने आए 918 मामले, 19 की मौत, 79 हुए ठीक
देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद में लगातार इजाफा होता जा रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री की बेवसाइट के अनुसार, इस वक्त देश में कोरोनावायरस के 819 एक्टिव मामले हैं औऱ अभी तक इस बीमारी से 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस के लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के वेबसाइट के अनुसार, देश में अबतक कोरोनावायरस के 918 मामले सामने आ चुके हैं। वेबसाइट के अनुसार देश में अभी कोरोना वायरस के 819 एक्टिव मामले हैं। इस बीमारी से अबतक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 79 लोगों ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल से सामने आए हैं।
बात अगर राज्यों के अनुसार करें तो अबतक आंध्र प्रदेश से 14, बिहार से 9, चंडीगढ़ से 8, छत्तीसगढ़ से 6, दिल्ली से 39, गोवा से 3, गुजरात से 45, हरियाणा से 23, हिमाचल प्रदेश से 3, जम्मू-कश्मीर से 20, कर्नाटक से 55, केरल से 168, लद्दाख से 13, मध्य प्रदेश से 30, महाराष्ट्र से 180, पंजाब से 38, राजस्थान से 54, तमिलनाडु से 40, तेलंगाना से 56, उत्तराखंड से 5, उत्तर प्रदेश से 55 और पश्चिम बंगाल से 15 मामले सामने आए हैं।
कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया एहतियात बरतने वाली, गंभीर और क्रमवार है: सरकार
सरकार ने शनिवार को उन आरोपों को सिरे से खारिज किया कि 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा बिना पूर्व योजना बनाये की और कहा कि कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया एहतियात बरतने वाली, गंभीर और क्रमवार कदम उठाने की रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोविड-19 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित करने से काफी पहले ही व्यापक प्रतिक्रिया प्रणाली लागू कर चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के मद्देनजर 30 जनवरी को कोरोना वायरस को सार्वजनिक स्वस्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था । इसमें कहा गया है कि संकट के मद्देनजर त्वरित प्रक्रिया के क्रम में शुरुआत से ही लोगों की जांच करना, अलग रखना और निगरानी की व्यापक और मजबूत व्यवस्था को लागू कर दिया था। इसके दायरे में कारोबार या पर्यटन के बाद लौटे भारतीय, छात्रों के साथ ही विदेशी नागरिक भी रखे गए।
गौरतलब है कि सरकार की इस बात को लेकर कुछ वर्गो द्वारा आलोचना की जा रही है कि उसने लॉकडाउन की घोषण बिना योजना बनाए की । यह आलोचना इन खबरों के बीच हो रही है कि देश के कई क्षेत्रों में प्रवासी मजदूर बिना संसाधन के फंसे हुए हैं । बयान में कहा गया है, ‘‘चीन और हॉन्ग कॉन्ग से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग 18 जनवरी से शुरू कर दी गई थी। हालांकि भारत में इसके कई दिन बाद 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 को लेकर भारत की प्रतिक्रिया एहतियात बरतने वाली, गंभीर और क्रमवार कदम उठाने की रही है।’’
बयान में इटली और स्पेन का उदाहरण देते हुए कहा गया कि इन देशों में पहला मामला सामने आने के क्रमशः 25 दिन और 39 दिनों के बाद यात्रियों की जांच शुरू की थी। जबकि भारत सरकार ने अनेकों सक्रिय कदम उठाये । मंत्रालय ने इस संबंध में सरकार की ओर से उठाये गए कदमों का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि संपन्न भारतीयों’ को बिना जांच के लिए वापस लौटने की अनुमति दी गई।
सरकार ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर त्वरित प्रक्रिया के क्रम में शुरुआत से ही जांच करने, अलग रखने और निगरानी की व्यापक और मजबूत व्यवस्था को लागू कर दिया गया था। इसके दायरे में कारोबार या पर्यटन के बाद लौटे भारतीय, छात्रों के साथ ही विदेशी नागरिक भी रखे गए। बयान में कहा गया है कि 30 हवाई अड्डों, 12 बड़े और छोटे बंदरगाहों और सीमा क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू की गई। 36 लाख से ज्यादा यात्रियों की जांच की गई। सरकार ने बताया कि राज्य सरकारों को नियमित रूप से निगरानी बनाए रखने या उसमें और सुधार करने के लिए अनुरोध किए गए, जिससे सुरक्षा घेरा पूर्ण हो जाए और इसमें कोई भी खामी नहीं रहे।
इसमें कहा गया है कि, ‘‘ एक सतर्क प्रणाली के लागू होने से राज्य ऐसे लोगों पर नजर रखने में सक्षम हुए, जिन्होंने निगरानी से बचने की कोशिश की या जिन्होंने क्वारंटाइन के निर्देशों का पालन नहीं किया।’’ सरकार की ओर से उठाये गए कदमों का ब्यौरा देते हुए मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ सचिव ने राज्य सरकारों के साथ लगभग 20 वीडिया कॉन्फ्रेंस कीं और कैबिनेट सचिव ने राज्यों के प्रमुख सचिवों के साथ 6 समीक्षा बैठक कीं और कोराना की समस्या से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। इन वीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान विचार विमर्श के मुद्दों में एकीकृत रोगी निगरानी प्रणाली भी एक रहा। इस प्रणाली में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी भी शामिल है।
इनपुट- भाषा