देश में Coronavirus के मामले बढ़कर हुए 1251, अब तक 32 मरीजों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1251 हो गए हैं। इस बीमारी की वजह से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1251 हो गए हैं। इस बीमारी की वजह से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 227 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं जबकि पांच नए लोगों की मौत हुई। देश के भीतर कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में 24 घंटों में यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
इससे पहले सरकार की तरफ से यह कहा गया कि भारत में अभी यह सामुदायिक संक्रमण के तीसरे चरण में नहीं पहुंचा है। सरकार ने यह भी कहा कि 21 दिन की लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है जिसका सोमवार को छठा दिन है, वहीं भारतीय सेना ने अगले महीने संभावित आपातकाल की घोषणा के बारे में सोशल मीडिया पर जारी एक ‘फर्जी’ पोस्ट को खारिज कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सामाजिक कार्यों में लगे लोगों से बातचीत की और उनसे कोरोना वायरस पर भ्रामक सूचनाओं ओर अंधविश्वास का मुकाबला करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि लोग आस्था के नाम पर सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाकर रखने के नियम की अवहेलना कर रहे हैं। सोमवार को देश में कोरोना वायरस के नये मामले राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों से आये हैं।
दिल्ली पुलिस ने आज निजामुद्दीन में एक बड़े इलाके को घेर लिया जहां कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिये हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले एक धार्मिक समारोह में भाग लिया था। पुलिस ने कहा कि अधिकारियों से अनुमति लिये बगैर यहां करीब दो सौ लोगों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय से आज यह अच्छी खबर आई कि भारत में कोविड-19 अभी दूसरे चरण में है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या 100 से 1000 तक पहुंचने में 12 दिन लगे, जबकि इस संकट से जूझ रहे विकसित देशों में इस अवधि में मरीजों की संख्या 3,500 से 8,000 थी। अग्रवाल ने संक्रमण को रोकने के लिये घोषित लॉकडाउन के असर के विश्लेषण के आधार पर बताया कि भारत में संक्रमण के बढ़ने की गति विकसित देशों की तुलना में कम है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति को नियंत्रण में रखने में प्रमुख योगदान, लॉकडाउन के दौरान लोगों की एक दूसरे से सुरक्षित दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाये रखना है। अग्रवाल ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि इसका शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किये जाने पर ही स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा। अग्रवाल ने कहा कि जिन देशों में कोरोना के संक्रमण का प्रकोप ज्यादा है उनमें एक संक्रमित व्यक्ति ने कम से कम सौ लोगों को संक्रमित किया इसलिये वहां इसके संक्रमण ने महामारी का रूप धारण किया। उन्होंने कहा कि भारत को इस स्थिति से बचाने के लिये लॉकडाउन का प्रत्येक व्यक्ति को पूरी तरह से पालन करना होगा।
इस दौरान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डा रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में अब तक संक्रमण के 38,482 संदिग्ध मामलों का परीक्षण किया जा चुका है। पिछले 24 घंटों में आईसीएमआर की 115 प्रयोगशालााओं में 3501 और निजी क्षेत्र की 47 प्रयोगशालाओं में 428 परीक्षण किये गये। उन्होंने बताया कि निजी प्रयोगशालाओं को परीक्षण की अनुमति मिलने के बाद इनमें अब तक 1334 परीक्षण किये जा चुके हैं।
गंगाखेड़कर ने बताया कि भारत में अभी परीक्षण क्षमता का 30 प्रतिशत ही इस्तेमाल हो रहा है। संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय देशव्यापी लॉकडाउन पर नियमित निगरानी रख रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सभी इलाकों में लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है।
भारतीय सेना ने भी साफ किया कि सेवानिवृत्त कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस के तहत पंजीकृत कार्यकर्ताओं को सेवा में लेने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही। हजारों श्रमिकों के अपने गांवों की ओर लौटने के कारण बनी संकटपूर्ण स्थिति के बीच उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोरोना वायरस से ज्यादा बड़ी समस्या दहशत और डर की है। उन्होंने केंद्र से पलायन रोकने के लिए उठाये गये कदमों पर मंगलवार तक स्थिति रिपोर्ट देने को कहा।
इनपुट- भाषा