आंध्र प्रदेश में कोरोना के मरीज बढ़कर हुए 161, एक की मौत
आंध्र प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की तादाद अब 161 हो गई है। पीड़ितों में से 140 लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं। आज आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से पहली मौत भी हुई।
अमरावती. आंध्र प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की तादाद अब 161 हो गई है। पीड़ितों में से 140 लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं। आज आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से पहली मौत भी हुई। मरने वाले शख्स की उम्र 55 साल है और वो भी तबलीगी जमात से जुड़ा था और हाल ही में निजामुद्दीन दिल्ली से लौटा है। बात अगर तेलंगाना की करें तो यहां मरीजों की संख्या बढ़कर 157 हो गई है। तेलंगाना में आज 27 मामले सामने आए हैं। नए मामलों में से अधिकांश तबलीगी जमात से जुड़े बताए जा रहे हैं।
केरल में सामने आए 9 नए मामले
केरल में शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के नौ नए मामले सामने आए जिनमें से सात मामले कासरगोड जिले के हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यह जानकारी दी। उन्होंने एक समीक्षा बैठक के बाद संवादाताओं को बताया कि कासरगोड के अलावा त्रिशूर और इडुक्की में संक्रमण के एक-एक मामले की पुष्टि हुई। विजयन ने कहा कि कासरगोड के अलावा राज्य में इस समय 251 लोगों का उपचार हो रहा है और आज 14 व्यक्तियों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने की मुस्लिम नेताओं से मुलाकात
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के मुस्लिम विधायकों ने उन लोगों का विवरण सरकार को उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है जिन्होंने दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था । वे उन लोगों को कोविड-19 की जांच कराने और खुद को पृथक रखने के लिये भी मनाएंगे। येदियुरप्पा ने प्रदेश के मुस्लिम नेताओं और विधायकों के साथ एक बैठक कर राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में उनका सहयोग मांगा।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, “उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और इस प्रयास में अपने पूर्ण सहयोग का भरोसा भी दिया।” उन्होंने कहा कि विधायक जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वालों का विवरण देने और उन्हें कोविड-19 की जांच के लिये मनाने के साथ ही एक तय अवधि के लिये खुद को पृथक रखने के लिये तैयार करने पर भी सहमत हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने बताया कि उन्होंने समुदाय के धार्मिक नेताओं के साथ बैठक की और इस बारे में जागरुकता फैलाई।”