कोरोना वायरस: जर्मनी से आए 4 लोगों को गरीब रथ ट्रेन से उतारा, जांच के लिए अस्पताल भेजा
महाराष्ट्र के पालघर में जर्मनी से आए चार लोगों को गरीब रथ ट्रेन से उतारकर जिला अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया है।
पालघर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के पालघर में जर्मनी से आए चार लोगों को गरीब रथ ट्रेन से उतारकर जिला अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया है। दरअसल, यह चारों लोग बुधवार सुबह पांच बजे ही भारत आए थे। भारत में दाखिल होने के साथ ही इन्हें 14 दिन तक क़वारेंटआईन रहने को कहा गया था और इनके हाथ पर स्टैंप भी लगाया गया था, जिससे यह पहचान आसानी से हो सके कि इन्हें क़वारेंटआईन रहने के लिए कहा गया है।
लेकिन, इन लोगों ने प्रशासन की बात नहीं मानी और गरीब रथ (ट्रेन नंबर- 12216) में सवार होकर सूरत जाने लगे। इस दौरान यत्रियों ने नोटिस किया कि इनके हाथ पर स्टैंप लगा है, जिसकी सूचना उन्होंने टीसी को दी। टीसी ने तुरंत इसका संज्ञान लिया और अगले स्टेशन (पालघर) पर चारों जर्मनी से आए लोगों को ट्रेन से उतारा और आरपीएफ तथा जीआरपी के हवालेकर दिया।
इसके बात पालघर जिला कलेक्टर के संज्ञान में यह मामला लाया गया। जिनके आदेश पर एक मेडिकल टीम रेलवे स्टेशन पर पहुंची और सभी चारों लोगों को जिला अस्पताल लेकर आई। सभी की जिला अस्पताल में जांच की जाएगी और उसके बाद ही उन्हें लेकर कोई भी फैसला लिया जाएगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि 'मेडिकल टीम उनकी जांच कर रही है। उसकी रिपोर्ट के बाद निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है।'
बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के 10 नए मामले सामने आने के बाद इस घातक विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 147 हो गई है। इनमें से 14 लोग ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल से भी छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा तीन लोगों की कोरोना वायरस के मौत हो गई है। ऐसे में देश के अंदर कोरोना वायरस के कुल एक्टिव पॉजिटिव केस 130 बचे हैं।
कोरोना वायरस से दुनियाभर में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घातक विषाणु से विश्वभर में दो लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 8000 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें चीन में हुई हैं। सिर्फ चीन में ही इस वायरस ने 3200 लोगों की जान ली है। इसके अलावा इटली दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं। यहां 2503 लोग की मौत हुई है।
दुनिया के करीब 150 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस फैल गया है लेकिन किसी के भी पास इसकी वैक्सीन (टीका) नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इसका इलाज संभव नहीं हो। इसका इलाज संभव है और कई मरीज ठीक भी हो रहे हैं। वर्ल्डोमीटर्स के मुताबिक, 18 मार्च की शाम 4 बजे तक दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 200106 लोगों में से 82813 लोग ठीक हो गए जबकि 109,283 लोगों का इलाज जारी है।