कोरोना वायरस के संक्रमण से इंदौर में डॉक्टर की मौत, इलाज कराने वालों की तलाश शुरू
देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में एक 62 वर्षीय डॉक्टर की बृहस्पतिवार सुबह कोरोना के संक्रमण से मौत हो गयी।
इंदौर (मध्य प्रदेश): देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में एक 62 वर्षीय डॉक्टर की बृहस्पतिवार सुबह कोरोना के संक्रमण से मौत हो गयी। इससे सतर्क स्वास्थ्य विभाग ने उन मरीजों की खोज शुरू कर दी है जिन्होंने पिछले दिनों इस जनरल फिजिशियन से इलाज कराया था। यह प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद किसी डॉक्टर की मौत का संभवतः पहला मामला है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रवीण जड़िया ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 62 वर्षीय डॉक्टर ने एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली। उन्होंने कहा, "हमें पहली नजर में संदेह है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले डॉक्टर कोविड-19 के किसी मरीज के इलाज के दौरान उसके संपर्क में आये होंगे। हम पता लगा रहे हैं कि वह इस संक्रमण की चपेट में कैसे आये थे।"
जड़िया ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि जनरल फिजिशियन अपने क्लिनिक में 28 मार्च तक मरीज देख रहे थे। इन मरीजों का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। उन्हें ढूंढकर पृथक वास में भेजा जायेगा और उनकी सेहत की नियमित जांच की जायेगी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि 62 वर्षीय डॉक्टर पांच अप्रैल को एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे।
उन्होंने बताया कि जांच की आठ अप्रैल को आयी रिपोर्ट में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे। उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की भी समस्या थी। इस बीच, 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जो कुछ दिन पहले बनाया गया था।
कोरोना वायरस संक्रमण के बाद बृहस्पतिवार सुबह दम तोड़ने वाले जनरल फिजिशियन इस वीडियो में दावा कर रहे थे कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनके घर में अपने परिवार के साथ बैठे हैं। सरकारी अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि यह वीडियो पुराना है और तब बनाया गया था जब डॉक्टर अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे। बहरहाल, 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत के बाद चिकित्सा समुदाय भी सतर्क हो गया है।
भारतीय चिकित्सा संघ की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष संजय लोंढे ने कोविड-19 से डॉक्टर की मौत पर अफसोस जताते हुए अपने साथी पेशेवरों को ताकीद की, "ऐसा भी देखा जा रहा है कि कई मरीजों में कोविड-19 के लक्षण कुछ दिन बाद सामने आते हैं। ऐसे में डॉक्टरों को मरीजों के इलाज के साथ ही खुद के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना चाहिये और इस महामारी से बचने के पूरे उपाय करने चाहिये।"
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 के शिकार जनरल फिजिशियन के शोकसंतप्त परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनके तीनों बेटे फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं। उनका इंदौर में उनके चार परिजनों की मौजूदगी में कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल के मुताबिक दाह संस्कार किया गया।
दिवंगत डॉक्टर को "कोविड-19 से लड़ने वाला योद्धा" बताते हुए उन्हें सोशल मीडिया पर कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। इनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल हैं।