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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोविड-19 के लिए एंटीवायरल दवा एवीफेविर को रूस की मंजूरी, भारत के लिए अच्छी खबर: विशेषज्ञ

कोविड-19 के लिए एंटीवायरल दवा एवीफेविर को रूस की मंजूरी, भारत के लिए अच्छी खबर: विशेषज्ञ

कोविड-19 के इलाज के लिए रूस द्वारा एंटीवायरल दवा एवीफेविर को मंजूरी दिया जाना भारत के लिये अच्छी खबर है क्योंकि यह इंफ्लुएंजा दवा पर आधारित है जो यहां उन्नत नैदानिक परीक्षण के चरण में है।

Coronavirus- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ANI Representational image

नई दिल्ली. कोविड-19 के इलाज के लिए रूस द्वारा एंटीवायरल दवा एवीफेविर को मंजूरी दिया जाना भारत के लिये अच्छी खबर है क्योंकि यह इंफ्लुएंजा दवा पर आधारित है जो यहां उन्नत नैदानिक परीक्षण के चरण में है। रूस में एवीफेविर के निर्माता इसे संभवत: कोविड-19 के खिलाफ दुनिया की सबसे विश्वसनीय दवा के तौर पर देख रहे हैं। एवीफेविर को फेवीपिराविर से तैयार किया जाता है।

मुंबई स्थित ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि फेवीपिराविर नैदानिक परीक्षण के तीसरे चरण में हैं जो भारत में औषधि परीक्षण का आखिरी चरण है। नैदानिक परीक्षण के दौरान कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में एवीफेविर के उच्च प्रभाव दिखाने का उल्लेख करते हुए रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने सोमवार को कहा कि वह जून में रूस के अस्पतालों में इस दवा की 60 हजार खुराक उपलब्ध कराएगा।

उसने कहा कि एवीफेविर दुनिया की पहली फेवीपिराविर आधारित दवा बन गई है जिसे कोविड-19 के इलाज के लिये स्वीकृति दी गई है। वैज्ञानिकों ने यहां कहा कि एवीफेविर और फेवीपिराविर के बीच करीबी संबंध भारत के लिये भी उम्मीद का कारण है। सिलिगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अरूप कुमार बनर्जी ने कहा कि फेवीपिराविर चर्चा में थी और हाल में उसमें रुचि देखी गई है। उन्होंने कहा कि फेवीपिराविर इंफ्लुएंजा के लिये एवीगन नाम से उपलब्ध है और अक्सर इसे वायरल संक्रमण के दौरान दिया जाता है।

बनर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसे बेहद उच्च बुखार में तब दिया जाता है जब उसके साथ थ्रांबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम (एसएफटीएस), एक तरह का संक्रामक रक्तस्रावी बुखार, हो जिसमें मृत्युदर ज्यादा रहती है और यह सभी तरह के इंफ्लुएंजा विषाणुओं पर प्रभावी है। उन्होंने कहा, “दवा महत्वपूर्ण है और एंटी वायरल भी। हमें दोनों को साथ-साथ विकसित करने की जरूरत है। आज कोई कोविड-19 के इलाज के लिये दवा लेकर आता है तो भले ही वह किसी देश या मूल का हो, यह अच्छी खबर है, बशर्ते बड़े पैमाने पर उसका प्रमाणीकरण हो चुका हो।”

एवीफेविर को आरडीआईएफ और केमरार समूह के संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया जा रहा है। आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दमित्रेव ने एक बयान में कहा, “एवीफेविर कोरोना वायरस के खिलाफ रूस में पंजीकृत सिर्फ पहली एंटीवायरल औषधि ही नहीं है बल्कि यह संभवत: दुनिया में सबसे ज्यादा आशाजनक कोविड-19 दवा भी है।”

पिछले हफ्ते ही इस दवा को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय से अस्थायी पंजीकरण प्रमाण-पत्र मिला था। विषाणु विशेषज्ञ उपासना रे ने कहा, “उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एवीफेविर एक दवा है जिसका रूस द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिये परीक्षण किया जा रहा है और यह फेवीपिराविर पर आधारित है।” ग्लेनमार्क ने पिछले हफ्ते भारत में फेवीपिराविर और एक अन्य एंटीवायरल औषधि यूमीफेनोविर को मिलाकर कोविड-19 के खिलाफ इलाज में इनका प्रभाव परखने की घोषणा की थी।

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