केरल हाउस कंट्रोवर्सी से फिर बरपा बीफ पर हंगामा
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के दादरी इलाके में हुई घटना से गर्म हुए बीफ-विवाद की आंच अब तक ठंडी नहीं पड़ी है। राजनीतिक चाशनी में तर होने के बाद ‘बीफ’ पिछले दो महीनों से चर्चा
एक नजर में बीफ-
- महाराष्ट्र में गोहत्या को अवैध माना जाता है। वहीं अगर कोई यहां पर इस कानून को तोड़ता हुआ पाया जाता है तो उसे 5 साल जेल की सजा और 10,000 रुपए का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।
- पश्चिम बंगाल भारत का ऐसा राज्य है जहां पर न सिर्फ गायों की हत्या करने की इजाजत है बल्कि यहां पर मुस्लिम पर्व के दौरान इसके लिए एक तरह के सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं।
- आंशिक और पूर्णता मिलाकर देश के 29 में से 24 राज्यों में बीफ पर बैन है।
- केरल और पूर्वोतर के राज्यों में बीफ की सबसे ज्यादा खपत है। यहां पर बीफ बैन को लेकर कोई भी कानून नहीं चलता है।
- गोवा और दमनदीव में बूढ़ी और बीमार गायों को मारा जा सकता है। इस पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है। वहीं चिकित्सा कारणों के चलते भी गोवध किया जाता है।
- भारत में बीफ की सबसे ज्यादा खपत केरल में है और ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश है। हालांकि भारत से भेजे जाने वाले बीफ में भैंस का मांस ही होता है। वहीं बीफ का उत्पादन करने वाले देशों में भारत पांचवें स्थान पर है।
बीफ का क्या है पेंच-
बीफ का मामला भी काफी पेंचीदा है। जिन राज्यों में गोवध की मनाही है वहां पर भैंस और बैल की खरीद फरोख्त एवं उसे खाया और बेचा जता है। वहीं कर्नाटक में भी 12 साल से ऊपर के बैल और भैंस का मांस खाने पर पाबंदी नहीं है।
प्राचीन काल में गोमांस-
जानकारों का मानना है कि प्राचीन काल में भी गोमांस का सेवन किया जाता था। यज्ञ के बाद गाय की बलि देने का प्रचलन था। अगर गुप्त काल से पहले की बात करें तो घर में किसी विशेष अतिथि के आने, शादी एवं अनुष्ठान या विशेष आयोजनों पर गोमांस परोसा जाता था। पांचवीं छठी सदी के आस-पास जब भारत में भूमिदान, खेती और जानवरों को पालने का चलन शुरु हो गया, जिसके बाद से ही गोहत्या पर अंकुश लगाने की बातें सामने आने लगी थीं। मुगल काल में भी गोहत्या पर कुछ हद तक प्रतिबंध लगा हुआ था।